अपडेटेड 2 September 2025 at 13:07 IST
बस तीन दिन और... 5-6 सितंबर को जब यमुना ने दिल्ली को दिया था दर्द ही दर्द, थोड़ा सा बढ़ा जलस्तर तो डूब जाएगी राजधानी; रहें सावधान
यमुना नदी का लगातार बढ़ते जलस्तर ने दिल्ली को खतरे में डाल दिया है। हथिनी कुंड बैराज से लगातार छोड़े जा रहे पानी के चलते राजधानी के कई इलाको में पानी घुस गया है।
- भारत
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Delhi Flood: यमुना नदी का लगातार बढ़ते जलस्तर ने दिल्ली को खतरे में डाल दिया है। हथिनी कुंड बैराज से लगातार छोड़े जा रहे पानी के चलते राजधानी के कई इलाको में पानी घुस गया है। कई घरों के निचले हिस्से डूब चुके हैं और सड़कें पूरी तरह जलमग्न नजर आ रही हैं। लोगों को सावधान और सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है। बताया जा रहा है कि यमुना का जलस्तर अब खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर बढ़कर 206.50 मीटर तक जा सकता है। उफनती यमुना को देखते हुए साल 2023 का मंजर सामने आ रहा है।
साल 2023 में इसी समय यानी कि 5-6 सितंबर के आसपास यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर तक पहुंच गया था और तब कई इलाकों में घरों तक 8-8 फुट पानी भर गया था। तकरीबन आधी दिल्ली डूब गई थी। तो आईए विस्तार से समझते हैं कि यमुना में आ रहे 'जल प्रलय' से इस बार दिल्ली में कितना खतरा है।
दिल्ली पुराने रेलवे पुल पर मानक
चेतावनी स्तर- 204.50 मीटर
खतरे का स्तर- 205.33 मीटर
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13.07.2023 को उच्चतम बाढ़ स्तर देखा गया- 208.66 मीटर। दिल्ली सरकार के Irrigation and Flood Control Department के मुताबिक, 1978 की बाढ़ यमुना नदी के उपलब्ध इतिहास में दर्ज की गई सबसे बड़ी बाढ़ थी, जो 5-6 सितंबर 1978 को दिल्ली पुराने रेलवे पुल पर 207.49 मीटर (680.75 फीट) दर्ज की गई थी। जिसमें 7175 क्यूमेक्स (2,53,350 क्यूसेक) का जलस्तर दर्ज हुआ था।
पल्ला गांव और बवाना एस्केप आउट-फॉल के बीच दायां सीमांत बांध भी टूट गया, जिससे अलीपुर ब्लॉक का एक बहुत बड़ा क्षेत्र और आदर्श नगर, मॉडल टाउन, मुखर्जी नगर जैसी शहरी कॉलोनियां गहरे पानी में डूब गईं। लगभग 10 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान था। 18 लोगों की जान चली गई और हजारों लोग बेघर हो गए थे। बाएं किनारे पर भी शाहदरा सीमांत बांध संकट के बिंदु पर पहुंच गया, लेकिन मिट्टी से भरे बैगों के साथ कुछ हिस्सों में इसकी ऊंचाई बढ़ाकर इसे बचाया जा सका।
हम हर स्थिति से निपटने को तैयार: CM रेखा गुप्ता
नोएडा और गाजियाबाद में भी प्रशासन ने बाढ़ की आशंका को देखते हुए निचले इलाकों में सतर्कता बढ़ा दी है। दिल्ली सरकार ने केंद्रीय जल आयोग के साथ समन्वय स्थापित किया है और सेंट्रल फ्लड कंट्रोल रूम में 24 घंटे निगरानी की जा रही है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, ‘दिल्लीवासियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। हम हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।’
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आफत की बारिश अभी नहीं थमेगी
मौसम विभाग ने सितंबर में सक्रिय मानसून का पूर्वानुमान जताया है। साथ ही ये भी आशंका जताई है कि कई इलाकों में सामान्य से ज्यादा बारिश हो सकती है। राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया था। सुबह से ही रुक-रुक कर बारिश हुई। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक भारत में 1 जून से 31 अगस्त के बीच 743.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो लंबे समय के औसत 700.7 मिलीमीटर से करीब छह फीसदी ज्यादा है।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 2 September 2025 at 13:07 IST