Published 13:42 IST, September 11th 2024
दिल्ली विवि को डूसू चुनाव में महिलाओं के आरक्षण पर फैसला लेने का निर्देश
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति से आगामी दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में महिलाओं के लिए आरक्षण की मांग करने वाले एक प्रतिवेदन पर निर्णय लेने को कहा।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति से आगामी दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में महिलाओं के लिए आरक्षण की मांग करने वाले एक प्रतिवेदन पर निर्णय लेने को कहा। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि अक्टूबर 2023 में विश्वविद्यालय प्राधिकारियों को याचिकाकर्ता द्वारा दिए प्रतिवेदन पर कुलपति जल्द से जल्द और संभवत: तीन सप्ताह के भीतर कानून के अनुसार फैसला लें।
अदालत ने डूसू चुनाव में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का अनुरोध करने वाली एक याचिका का निपटारा करते हुए यह आदेश पारित किया। याचिकाकर्ता शबाना हुसैन की ओर से पेश वकील आशु बिधूड़ी ने कहा कि छात्र संघ चुनावों में धन और बल का बहुत ज्यादा प्रयोग होता है जिसके परिणामस्वरूप महिलाओं की भागीदारी बहुत कम होती है।
हुसैन ने कहा कि इन चिंताओं के मद्देनजर उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख कर यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि 27 सितंबर को होने वाले छात्र संघ चुनाव में आरक्षण के जरिए महिलाओं का प्रतिनिधित्व हो। चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया 17 सितंबर को शुरू होनी है। याचिकाकर्ता ने कहा कि छात्र संघ चुनाव में लैंगिक समानता की आवश्यकता है और उन्होंने विश्वविद्यालय को लिंगदोह समिति की सिफारिशों का पालन करने का निर्देश देने का अनुरोध किया।
शीर्ष अदालत के एक आदेश के बाद, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने पूरे देश में विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्र निकायों और छात्र संघ चुनावों से संबंधित मुद्दों पर सिफारिशें करने के लिए पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त जे एम लिंगदोह की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। इस समिति ने 26 मई 2006 को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।
Updated 13:42 IST, September 11th 2024