अपडेटेड 29 October 2024 at 23:01 IST

Delhi: कांग्रेस को झटका, मतीन अहमद के बेटे और बहू ‘AAP’ में शामिल

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए सीलमपुर विधानसभा से पांच बार विधायक रहे मतीन अहमद के बेटे और बहू मंगलवार को आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए।

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 Matin Ahmed son and daughter-in-law join AAP
Matin Ahmed son and daughter-in-law join AAP | Image: X- @AamAadmiParty

Delhi: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक रहे मतीन अहमद के बेटे और बहू मंगलवार को आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हो गए।

बाबरपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी जुबैर अहमद और उनकी पत्नी एवं चौहान बांगर से पार्षद शगुफ्ता चौधरी के साथ सत्तारूढ़ दल में शामिल होने से ‘आप’ में बैचेनी पैदा हो गई और सीलमपुर से मौजूदा विधायक अब्दुल रहमान ने पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चे के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।

मतीन अहमद के बेटे और बहू ‘AAP’ में शामिल

‘आप’ ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर ऐलान किया कि कांग्रेस नेता चौधरी जुबैर अहमद और उनकी पत्नी शगुफ्ता चौधरी दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात के बाद पार्टी में शामिल हो गए। केजरीवाल पार्टी के संयोजक भी हैं।

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‘आप’ के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि ऐसी अटकलें हैं कि पार्टी सीलमपुर से अब्दुल रहमान का टिकट काटकर उनकी जगह चौधरी जुबैर अहमद को मैदान में उतार सकती है। बाद में अब्दुल रहमान ने ‘आप’ के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की घोषणा की।

उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “विचारों में बढ़ते फासले को देखते हुए यह फैसला लिया है। उम्मीद है कि पार्टी और समर्थक मेरे इस कदम को समझेंगे।”

हालांकि, सीलमपुर विधायक ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि वह पार्टी से नाराज नहीं हैं और उन्होंने परिवार की बढ़ती जिम्मेदारी के कारण इस्तीफा देने का फैसला किया।

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अच्छी बात है कि आप परिवार बढ़ रहा है- चौधरी जुबैर अहमद

चौधरी जुबैर अहमद के सत्तारूढ़ दल में शामिल होने के बाद उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा से कहा, “यह अच्छी बात है कि आप परिवार बढ़ रहा है।”

‘एक्स’ पर उनके पोस्ट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक राजनीतिक व्यवस्था में “वैचारिक मतभेद असामान्य” नहीं हैं।

उन्होंने कहा, “मैं पार्टी से नाराज नहीं हूं। बात यह है कि मुझ पर अपनी बेटियों की शादी की जिम्मेदारी है और मैं परिवार का काम करने वाला एकमात्र सदस्य हूं। मेरे लिए अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ को वक्त देना मुश्किल हो रहा था और मैंने पार्टी नेताओं को इस बारे में पहले ही सूचित कर दिया था।”

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 29 October 2024 at 23:01 IST