अपडेटेड 17 December 2025 at 17:49 IST

दिल्ली-NCR में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी, MCD को फटकार लगाते हुए कहा- 'टोल बंद क्यों नहीं करते?'

Delhi Pollution : दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने प्रदूषण कम करने के लिए किए गए उपायों को पूरी तरह विफल बताया है। MCD को भी सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है।

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दिल्ली-NCR में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी | Image: ANI

Supreme Court on pollution : दिल्ली-NCR में लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कड़ी टिप्पणी की है। चीफ जस्टिस सूर्यकांत की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि अब तक अधिकारियों द्वारा अपनाए गए उपाय दिल्ली की हवा को साफ करने में पूरी तरह विफल साबित हुए हैं। कोर्ट ने प्रदूषण को हर साल की समस्या बताते हुए इसे रोकने के लिए व्यापक और लंबे समय के लिए योजना की जरूरत पर जोर दिया।

कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को निर्देश दिया कि वह अपनी लंबी अवधि की योजनाओं को फिर से जांचे और चरणबद्ध तरीके से लागू करे। बेंच ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण में केवल अस्थायी या अधूरी कोशिशें काफी नहीं हैं, बल्कि शहरी गतिशीलता, ट्रैफिक मैनेजमेंट और किसानों को पराली जलाने से रोकने जैसे मुद्दों पर गंभीर ध्यान देने की आवश्यकता है।

स्कूल बंद करने के फैसले में हस्तक्षेप से इनकार

प्रदूषण से बच्चों की सेहत को बचाने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा स्कूल बंद करने या हाइब्रिड मोड अपनाने के फैसले पर कोर्ट ने कोई दखल नहीं दिया। बेंच ने इसे अस्थायी नीतिगत निर्णय बताया और कहा कि ये कदम बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए हैं। कोर्ट की टिप्पणी थी, "ये उपाय सर्दियों की छुट्टियों का विस्तार मात्र हैं, क्योंकि स्कूलों में वैसे भी 10-15 दिनों की विंटर वेकेशन होती है।" इसलिए कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया।

'टोल बंद क्यों नहीं करते?'

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली की सीमाओं पर स्थित टोल प्लाजाओं पर लगने वाले लंबे जाम को प्रदूषण का प्रमुख कारण बताया। बेंच ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और दिल्ली नगर निगम (MCD) को सुझाव दिया कि इन टोल बूथों को स्थानांतरित करने या अस्थायी रूप से बंद करने पर विचार करें। चीफ जस्टिस ने पूछा, "फिजिकल टोल वसूली की क्या जरूरत है? अगले साल भी यही स्थिति रहेगी। दो महीनों के लिए टोल बंद क्यों नहीं कर सकते?"

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कोर्ट ने MCD और NHAI को एक सप्ताह में इस पर फैसला लेने को कहा। साथ ही, टोल राजस्व को साझा करने का विकल्प भी सुझाया गया। CAQM और MCD को याचिका पर जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया गया।

कोर्ट ने निर्माण कार्य बंद होने से प्रभावित मजदूरों को वैकल्पिक काम या मुआवजे पर विचार करने को कहा है। दिल्ली-NCR में प्रदूषण हर साल की समस्या है। इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए मासिक निगरानी का फैसला लिया गया है। मामले की अगली सुनवाई जनवरी में होगी। दिल्ली-एनसीआर में बुधवार सुबह AQI में कुछ सुधार दर्ज किया गया, लेकिन प्रदूषण का स्तर अभी भी चिंताजनक बना हुआ है। 

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 17 December 2025 at 17:49 IST