अपडेटेड 8 September 2025 at 09:07 IST
Delhi Flood: दिल्लीवालों के लिए गुड न्यूज, खतरे के निशान से नीचे पहुंची यमुना, 5 दिनों बाद बाढ़ पीड़ितों को मिली बड़ी राहत
बाढ़ की मार झेल रहे दिल्लीवालों ने आखिरकार राहत की सांस ली है। यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया है।
- भारत
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दिल्लीवालों के लिए राहत भरी खबर है। यमुना का जलस्तर लगातार घट रहा है और अब यह खतरे के निशान से नीचे आ गया है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में भी स्थिति पहले से धीरे-धीरे बेहतर हो रही है। करीब 5 दिन बाद सोमवार को यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आया है। 1 सितंबर से ही यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी। नदी का निचला इलाका पूरा तरह जलमग्न हो गया है।
बाढ़ की मार झेल रहे दिल्लीवालों को आखिरकार गुड न्यूज मिली। यमुना नदी का जलस्तर रविवार रात को पुराने रेलवे पुल पर घटकर 205.33 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के स्तर से नीचे है। अधिकारियों के मुताबिक, यह कमी पिछले पांच दिनों में यमुना के जलस्तर के खतरे के निशान को पार करने के बाद देखी गई है। गुरुवार को यमुना का जलस्तर 207.48 मीटर तक पहुंच गया था, जिसके बाद हालात काफी बिगड़ गए थे।
यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे
पिछले कई दिनों से लगातार बढ़ोतरी के बाद यमुना नदी के जलस्तर में कमी दर्ज की गई। यमुना का जलस्तर घटकर खतरे के निशान 205.33 मीटर पर आ गया। यह राहत की खबर है क्योंकि पिछले 5 दिनों से जलस्तर लगातार खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ था। पुराने लोहे के पुल पर रविवार रात 10 बजे तक यमुना नदी का जलस्तर 205.32 मीटर तक पहुंच गया था, जबकि यमुना नदी का खतरे का निशान 205.33 मीटर है। यानी यमुना नदी अब खतरे के निशान से नीचे है।
पुराने लोहा ब्रिज पर रेल परिचालन फिर से शुरू
बता दें कि यमुना नदी के उफान के कारण मंगलवार को जलस्तर ने चेतावनी के निशान 204.50 मीटर और खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर लिया था। इस वजह से पुराने लोहे के रेलवे पुल पर ट्रेनों की आवाजाही रोक दी गई थी। अब जलस्तर में कमी आने के बाद रविवार को इस पुल पर रेल परिचालन फिर से शुरू कर दिया गया है। साथ ही, कई रद्द की गई ट्रेनों को भी बहाल कर दिया गया है।
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बाढ़ प्रभावितों ने ली राहत की सांस
भारी बारिश और हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद यमुना लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी। यमुना के बढ़ते जलस्तर के कारण दिल्ली में आई बाढ़ ने करीब 10,000 लोगों को विस्थापित कर दिया। नदी के किनारे बसे निचले इलाकों में पानी भर गया, जिसके चलते लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे, मोरी गेट और मयूर विहार जैसे क्षेत्रों में अस्थायी राहत कैंप बनाए गए हैं, जहां विस्थापित लोगों को ठहराया गया है। यमुना के जलस्तर में कमी के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है।
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Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 8 September 2025 at 08:45 IST