अपडेटेड 22 December 2025 at 19:53 IST
Delhi Pollution: बिना PUC सर्टिफिकेट के वहनों पर एक्शन, OLA-Uber की बसें... प्रदूषण पर दिल्ली सरकार के ताबड़तोड़ फैसले, कितना होगा असर?
दिल्ली CM रेखा गुप्ता ने प्रदूषण पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाते हुए PUC चालान माफ न करने के निर्देश दिए हैं। ओला-उबर से ई-बस सेवा और ई-रिक्शा के लिए नई गाइडलाइन पर कड़े फैसले लिए हैं।
- भारत
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Delhi Pollution Control: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कड़े कदम उठाने का ऐलान किया है। 22 दिसंबर 2025 को दिल्ली सचिवालय में आयोजित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा सहित परिवहन, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, PWD और यातायात पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में प्रदूषण फैलाने वाले कारकों पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाने का निर्णय लिया गया। इनमें पीयूसी चालान को माफ न करना, दिल्ली में बसें बढ़ाना, ओला-उबर के साथ ई-बस सेवा और ई-रिक्शा के लिए नई गाइडलाइन बनाना शामिल है।
प्रदूषण चालान में नहीं मिलेगी रियायत
बैठक में पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा सहित पर्यावरण, परिवहन, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति PWD और यातायात पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक में मुख्यमंत्री ने सबसे कड़ा रुख उन वाहनों के प्रति अपनाया जो बिना वैध प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र (PUC) के सड़कों पर प्रदूषण फैला रहे हैं। वर्तमान व्यवस्था के अनुसार प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर 10 हजार रुपये के भारी जुर्माने का प्रावधान है। मुख्यमंत्री ने संज्ञान लिया कि अक्सर वाहन मालिक लोक अदालत का सहारा लेकर इस जुर्माने को बहुत कम करवा लेते हैं, जिससे दंड का भय समाप्त हो जाता है और लोग अपने वाहनों को प्रदूषण मुक्त कराने के प्रति गंभीर नहीं होते।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दो टूक शब्दों में कहा है कि अब प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों का चालान किसी भी कीमत पर माफ नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यदि इसके लिए सरकार को कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाना पड़े, तो पीछे नहीं हटा जाएगा। सरकार का लक्ष्य राजस्व वसूली नहीं, बल्कि नागरिकों को शुद्ध हवा देना है।
ओला-ऊबर के साथ ई-बस सेवा की संभावना
प्रदूषण कम करने के लिए निजी भागीदारी को बढ़ावा देते हुए दिल्ली सरकार शीघ्र ही ओला और ऊबर जैसी प्रमुख कंपनियों के साथ संवाद करेगी। इस योजना का उद्देश्य दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पूल और शेयर के रूप में 'प्रदूषण रहित सवारी बसें' चलाने की संभावनाओं को तलाशना है। अगर ये कंपनियां इलेक्ट्रिक या प्रदूषण मुक्त बसें संचालित करती हैं, तो इससे सड़कों पर निजी वाहनों का दबाव कम होगा और सार्वजनिक परिवहन ज्यादा पर्यावरण अनुकूल बनेगा। मुख्यमंत्री का कहना है कि राजधानी को जीरो उत्सर्जन करना उनकी प्राथमिकता में शामिल है।
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ई-रिक्शा के लिए आएगी नई गाइडलाइन
राजधानी की सड़कों पर अनियंत्रित ई-रिक्शा यातायात जाम का एक बड़ा कारण बनते हैं। जाम के कारण वाहनों का ईंधन ज्यादा जलता है, जो सीधे तौर पर प्रदूषण बढ़ाने में सहायक होता है। इस समस्या के समाधान के लिए मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि दिल्ली सरकार जल्द ही नई 'ई-रिक्शा गाइडलाइन' जारी करेगी। इन नियमों के माध्यम से ई-रिक्शा के संचालन क्षेत्र और उनके रूटों को व्यवस्थित किया जाएगा, ताकि यातायात बाधित न हो और सड़कों पर वाहनों की आवाजाही सुचारू बनी रहे।
DTC बसों की पहुंच बढ़ेगी
सार्वजनिक परिवहन को सुदृढ़ करने के लिए सरकार ने दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की बसों के रूटों को युक्तिसंगत करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री के अनुसार डीटीसी की पहुंच दिल्ली के हर क्षेत्र और हर गली तक होनी चाहिए। रूटों के वैज्ञानिक और युंक्तिसंगत करने से आखिरी मंजिल तक कनेक्टिविटी सुधरेगी, जिससे लोग निजी वाहनों के बजाय सार्वजनिक बस सेवा का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
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मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ काम करने और इन निर्णयों को तत्काल प्रभाव से जमीन पर उतारने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री का कहना है कि दिल्ली सरकार प्रदूषण के विरुद्ध एक व्यापक और बहुआयामी युद्ध लड़ रही है। सरकार का दृष्टिकोण स्पष्ट है कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कड़े से कड़े निर्णय लेने से पीछे नहीं हटा जाएगा। सरकार न सिर्फ सार्वजनिक परिवहन को आधुनिक बना रही है, बल्कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई भी सुनिश्चित कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने के प्रति उनकी सरकार पूरी तरह गंभीर और समर्पित है।
Published By : Sujeet Kumar
पब्लिश्ड 22 December 2025 at 19:53 IST