अपडेटेड 13 August 2024 at 21:03 IST

दिल्ली AIIMS के डॉक्टरों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी, बिना इलाज के घर लौटे मरीज; हो रही परेशानी

रेजिडेंट डॉक्टरों ने बैनर और पोस्टर लेकर अस्पताल परिसर में मार्च किया और ''सुरक्षा नहीं, तो ड्यूटी नहीं'' तथा ''पीड़ितों को न्याय'' के नारे लगाए।

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दिल्ली एम्स में डॉक्टरों की हड़ताल | Image: X

Delhi AIIMS Doctor Protest: सीने में तेज दर्द और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत होने पर इलाज के लिए छत्तीसगढ़ के रायपुर से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित एम्स पहुंचे 47 साल के मरीज को चिकित्सकों की हड़ताल के कारण बिना उपचार के ही अपने घर लौटना पड़ा।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)-दिल्ली के रेजिडेंट डॉक्टर कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के विरोध में सोमवार से ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।

पहले के अपॉइंटमेंट वाले मरीजों का ही हो रहा इलाज

एम्स अस्पताल के एक कर्मचारी ने यहां 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने के दौरान केवल पहले के अपॉइंटमेंट वाले मरीजों का ही इलाज किया जा रहा है। हालांकि, कुछ रेजिडेंट डॉक्टर अब भी मरीजों की देखभाल करते देखे गए, जैसे कि बाल रोग विभाग (पीडियाट्रिक्स) की यूनिट-2 में रेजिडेंट डॉक्टर मरीजों की देखभाल कर रहे थे।

बिना इलाज के वापस लौट रहे मरीज

रायपुर से अपनी स्वास्थ्य संबंधी जांच के लिए आई एक महिला मरीज लंबे समय से उपचार ले रही थी और सीने में दर्द तथा सांस लेने में समस्या के कारण उसे दोबारा जांच के लिए आना पड़ा। महिला मरीज ने कहा, ‘‘ मैं लंबे समय से यहां हृदय रोग विभाग की मरीज हूं और मैं सीने में दर्द एवं सांस लेने में दिक्कत की वजह से रायपुर से यहां आई हूं। लेकिन मेरी अपॉइंटमेंट स्लिप पर स्टैंप नहीं था। इसलिए, मुझे कल फिर आने के लिए कहा गया।’’

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उत्तर प्रदेश के रामपुर के सोना गांव के 34 वर्षीय एक व्यक्ति ने कहा कि इलाज कराना बहुत मुश्किल है, क्योंकि ज्यादातर डॉक्टर हड़ताल पर हैं। व्यक्ति ने कहा, ‘‘मैं सुबह सात बजे यहां आया था और तब से मुझे एक विभाग से दूसरे विभाग में भेजा जा रहा है। अब अपराह्न के दो बज चुके हैं और मैं बस एक जगह से दूसरी जगह भाग रहा हूं। डॉक्टरों की हड़ताल के कारण यह मुश्किल होता जा रहा है, क्योंकि सरकारी अस्पतालों में पहले से ही बहुत सारे मरीज हैं, जिनका सामान्य दिनों में भी इलाज नहीं हो पाता। ’’

'सुरक्षा नहीं, तो ड्यूटी नहीं' के नारे के साथ हड़ताल पर डॉक्टर

इस बीच, एक हजार से अधिक रेजिडेंट डॉक्टरों ने बैनर और पोस्टर लेकर अस्पताल परिसर में मार्च किया और ''सुरक्षा नहीं, तो ड्यूटी नहीं'' तथा ''पीड़ितों को न्याय'' के नारे लगाए।

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एक जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर ने भावुक होते हुए कहा, ‘‘डॉक्टर होने के नाते हम विरोध प्रदर्शन करना और सेवाएं बाधित करना पसंद नहीं करते, लेकिन हमें अपने सहकर्मियों के लिए खड़ा होना चाहिए। यह स्थिति दिल्ली, मुंबई या कहीं और भी हो सकती है।’’

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सेमिनार हॉल में गत शुक्रवार को एक महिला चिकित्सक का शव अर्ध निर्वस्त्र अवस्था में मिला था। परिजनों का आरोप है कि महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई। वारदात के सिलसिले में शनिवार को एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था, जो अस्पताल से जुड़ा हुआ नहीं था, लेकिन उसका वहां अक्सर आना-जाना था।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 13 August 2024 at 21:03 IST