अपडेटेड 26 July 2024 at 20:32 IST
Delhi News: 200 करोड़ के बड़े घोटाले का खुलासा, कोरोना काल में सरकार की आंखों में झोंकी धूल
Delhi scam: ACB ने कोरोना काल में 200 करोड़ रुपये के एक बड़े घोटाले का खुलासा कर रिटायर्ड एडीजी (पीडब्ल्यूडी) और 2 प्राइवेट फर्म के मालिकों को गिरफ्तार किया है।
- भारत
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Delhi News: कोरोना महामारी के वक्त जब लोग अपनों की जान बचाने के लिए दर-दर भटक रहे थे, ठीक उसी वक्त कुछ भ्रष्ट्र अधिकारी सरकार की आंखों में धूल झोंक अपनी जेब भरने में लगे थे। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने ऐसे ही एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है। ACB ने कोरोना काल के दौरान 200 करोड़ रुपये के एक बड़े घोटाले का खुलासा कर एक रिटायर्ड एडीजी (पीडब्ल्यूडी) और 2 प्राइवेट फर्म के मालिकों को गिरफ्तार किया है।
ACB ने आरोप लगाया है कि PWD अधिकारियों ने कोरोना काल के दौरान प्राइवेट फर्म को आंख बंद कर करोड़ों रुपये का लाभ पहुंचा है। बिना काम किये और अधूरे काम के बदले प्राइवेट फर्मों के करोड़ों रुपये के फर्जी बिल पास किए। प्राइवेट कंपनियों द्वारा लगाए गए बिलों में बड़े पैमाने पर अनियमित्ता पाई गई है। पैसों के लालच ने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने इन प्राइवेट फर्म के फर्जी बिलों को पास कर दिया। जिसके बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने ये कार्रवाई की है।
कमीशन लेकर बिल पास
दरअसल, कोविड के दौरान पीडब्ल्यूडी की तरफ से दिल्ली के 8 अस्पतालों में अलग-अलग काम के लिए टेंडर दिए गए थे। इन अस्पतालों में LNJP, GTB, BSA और GB पंथ जैसे बड़े अस्पताल शामिल थे। इन सभी काम की एवज में इन प्राइवेट फर्म की तरफ से करोडों रुपये के फर्जी बिल लगाए गए। आरोप है कि इन बिलों को कमीशन लेकर सरकारी अधिकारियों ने पास कर दिया। गिरफ्तार आरोपी रिटायर्ड पीडब्ल्यूडी एडीजी अनिल कुमार आहूजा ने अपने कार्यकाल में 10 आरोपी कंपनियों को गलत तरीके से टेंडर जारी किए। इन तमाम कंपनियां और ठेकेदार काम के लिए खरीदे गए सामान के बिल मुहैया नहीं कर पाए।
सामान खरीदा नहीं और बिल बास
एंटी करप्शन ब्यूरो ने आरोप लगाया है कि काम खत्म होने के 4 से 6 महीने बाद बिल बनवाए गए। जांच में पता चला कि कंपनियों द्वारा जारी किए गए बिल फर्जी थे, यानी दिए गए टेंडर के लिए सामान खरीदा ही नहीं गया था। कंपनियों ने टेंडर के नियमों और जीएसटी नॉर्म्स का जमकर उल्लंघन किया। जांच में पाया गया कि एक ही दिन में इन प्राइवेट कंपनियों से काम के बदले कोटेशन मंगाए गए, टेंडर की बिड्स लगाई गई और बिड में बिना अंतर देखे एक निर्धारित कंपनी को टेंडर दे दिया गया। ये सब एक दिन में संभव नहीं था।
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अनिल कुमार आहूजा और एक प्राइवेट फर्म के बीच सवा करोड़ रुपये की ट्रांजेक्शन ट्रैक की गई है। एवी एंटरप्राइज ने 5 दिसंबर, 2020 को अनिल कुमार आहूजा की बेटी के अकाउंट में भी 6 लाख रुपये ट्रांसफर किए हैं। ACB ने कुल 200 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा किया है। इस घोटाले में अभी तक रिटायर्ड एडीजी अनिल कुमार आहूजा, मैसर्स एवी एंटरप्राइजेज के मालिक विनय कुमार और मैसर्स विवेक एसोसिएट्स के मालिक अक्षितिज विरमानी को गिरफ्तार किया है।
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Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 26 July 2024 at 20:07 IST