अपडेटेड 23 January 2024 at 09:00 IST
रावण के घर में भी हुई भगवान राम की मूर्ति स्थापना, यहां होती है रावण की पूजा; नहीं मनाते दशहरा
Grater Noida के बिसरख गांव में भी भगवान राम की मूर्ति स्थापना हुई है। आपको बता दें कि बिसरख में रावण की पूजा होती है और वहां दशहरा नहीं मनाया जाता है।
- भारत
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Noida News : अयोध्या के राम मंदिर में सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के साथ ही ग्रेटर नोएडा के पास स्थित उस ऐतिहासिक मंदिर में भी पहली बार भगवान राम की मूर्ति की स्थापना की गई जहां रावण की पूजा की जाती है। यह प्राचीन शिव मंदिर ग्रेटर नोएडा के बिसरख गांव में स्थित है, जिसे वहां के स्थानीय लोग रावण का जन्मस्थान मानते हैं।
इस मंदिर के मुख्य पुजारी महंत रामदास ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'आज पहली बार मंदिर परिसर में भगवान राम के साथ-साथ सीता जी और लक्ष्मण जी की मूर्तियां पूरे अनुष्ठान के साथ स्थापित की गईं।' इस मंदिर में 40 वर्ष से अधिक समय से सेवाएं दे रहे पुजारी ने कहा कि ये मूर्तियां राजस्थान से लाई गई हैं।
रावण की जन्मस्थली है बिसरख!
ग्रेटर नोएडा के बिसरख गांव जिसे रावण की जन्मस्थली भी कहा जाता है, यहां 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जश्न मनाया गया। गांव के प्राचीन शिव रावण जन्म भूमि मंदिर में पहली बार भगवान राम की भी पूजा की गई। रविवार (21 जनवरी) को ही इस शिव मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर रीति-रिवाज से पूजा शुरु हो गई थी। प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर में भगवान राम की मूर्ति भी स्थापित की गई।
रावण के घर में मना रामोत्सव
रावण का घर कहे जाने वाले बिसरख गांव में भी 22 जनवरी को रामोत्सव मनाया गया। बिसरख गोल चक्कर से शोभायात्रा निकाली गई। एक बड़ी स्क्रीन के माध्यम से अयोध्या में हो रही भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा का सीधा प्रसारण किया गया। जब अयोध्या में भगवान की राम की प्राण प्रतिष्ठा पूरी हुई ठीक उसी समय बिसरख के शिव मंदिर में भी भगवान राम की मूर्ति स्थापित कर दी गई।
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बिसरख में नहीं मनाते हैं दशहरा
बिसरख गांव को रावण की जन्मस्थली बताया जाता है जिसकी वजह से इस गांव में कभी दशहरा नहीं मनाया जाता है। इस दिन यहां पर रावण का पुतला नहीं जलाया जाता है। अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब यहां के स्थानीय लोगों ने भगवान शिव के इस मंदिर में भगवान राम को भी स्थापित कर दिया है। 11 पंडितों ने मिलकर प्राचीन रावण मंदिर में पूरे रीति-रिवाज के साथ राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा की। भगवान राम की आंखों की पट्टी हटाकर उनका श्रृंगार करने के बाद हवन और आरती कर उन्हें स्थापित किया।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 23 January 2024 at 06:44 IST