अपडेटेड 15 September 2024 at 13:15 IST
केजरीवाल ने जेल में कौन-सी किताब पढ़ी, रैली में लेकर पहुंचे 'भगत सिंह की जेल डायरी'
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि जेल में काफी वक्त मिला, सोचने का और पढ़ने का। इसी दौरान केजरीवाल ने भगत सिंह की जेल डायरी निकालकर दिखाई।
- भारत
- 2 min read

Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जमानत पर बाहर आने के बाद पहली बार सार्वजनिक रैली को संबोधित किया है। कार्यकर्ताओं के साथ संवाद में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक ने जेल के अंदर बिताए दिनों को याद किया। इस दौरान केजरीवाल ने ये भी बताया कि जेल में रहने के दौरान उन्होंने कौन-कौन सी किताबें पढ़ी थीं। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ संवाद के दौरान 'भगत सिंह की जेल डायरी' का भी जिक्र किया।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि जेल में काफी वक्त मिला, सोचने का और पढ़ने का। रामायण और महाभारत समेत कई किताबें पढ़ीं। इसी दौरान केजरीवाल ने 'भगत सिंह की जेल डायरी' निकालकर दिखाई और कहा कि भगत सिंह की जेल डायरी किताब साथ लेकर आया हूं, ये किताब भी मैंने पढ़ी।
केजरीवाल ने पढ़े किताब के पन्ने
किताब के कुछ पन्ने पढ़ते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भगत सिंह ने जेल से कई खत लिखे थे। उन्होंने अपने साथियों और युवाओं को पत्र लिखे थे। इसी बीच केजरीवाल ने कहा कि मैंने जेल से एक ही पत्र लिखा LG साहब को। 15 अगस्त से 3 दिन पहले पत्र लिखा और आतिशी को झंडा फहराने के लिए पत्र लिखा। मेरी चिट्ठी LG साहब को नहीं दी, बल्कि मुझे ही जेल में एक वॉर्निंग लेटर दिया गया और LG को पत्र ना लिखने के लिए बोला गया था।
CM ने लगाए गंभीर आरोप
केजरीवाल ने आरोप लगाए कि आजादी से पहले अंग्रेज कैदियों को मिलने देते थे, लेकिन हमें मिलने नहीं दिया गया। सिसोदिया और मैं एक ही जेल में थे लेकिन हमें अलग अलग रखा गया। संदीप पाठक को जेल में ब्लैकलिस्ट कर दिया, क्योंकि वो मुझसे मिलने आते थे और हम दिल्ली की राजनीति की बात करते थे।
Advertisement
उन्होंने कहा कि मुझे जेल इसलिए भेजा गया, क्योंकि आम आदमी पार्टी को तोड़ा जाए। ED, CBI भेज कर ये डरते हैं और सरकारें गिराते हैं। लेकिन हमारी पार्टी, MLA यहां तक की एक कार्यकर्ता भी नहीं टूटा। जेल के 150/200 दिन ने मेरे हौसले को और बड़ा दिया। मुझसे पूछते है मैंने इस्तीफा क्यों नहीं दिया, मैं देश के जनतंत्र को बचाना चाहता था, इसलिए मैंने इस्तीफा नहीं दिया था।
Advertisement
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 15 September 2024 at 12:50 IST