अपडेटेड 7 February 2024 at 20:03 IST

दिल्ली: फर्जी वीजा पर विदेश भेजने वाले रैकेट का खुलासा, वकील समेत तीन एजेंट हुए गिरफ्तार

Fake Visa Racket: तीनों एजेंट सिंडिकेट के एक्टिव मेंबर है। आरोपी उन लोगों को टारगेट करते थे जो विदेश जाने के लिए काफी ज्यादा उत्साहित होते हैं।

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Fake Visa Racket
फर्जी वीजा बनाने वाले रैकेट का भंडाफोड़ | Image: Republic

साहिल भांबरी  

Delhi News: दिल्ली में इंटरस्टेट फेक वीजा बनाने वाले एक सिंडिकेट का भंडाफोड़ हुआ है। मामले में इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट थाना की पुलिस टीम ने तीन वांटेड एजेंट को गिरफ्तार किया है। इन एजेंट के नाम उदित मोघा, सागर डबास, केवल सिंह है। बताया जा रहा है कि इनमें से दो एजेंट दिल्ली और तीसरा एजेंट हरियाणा के कैथल का रहने वाला है।  

डीसीपी एयरपोर्ट उषा रंगनानी के मुताबिक एडवोकेट और ट्रैवल एजेंसी की आड़ में लोगों को ठगने का कारोबार चल रहा था। तीन लोगों को हाल ही में IGI और जयपुर एयरपोर्ट से अजरबैजान के लिए रवाना किया था। इस्तांबुल पहुंचने पर तीनों के वीजा चेक किए गए। एयरपोर्ट अथॉरिटी को वीजा वेरिफिकेशन के दौरान फर्जी पाया गया, जिसके बाद तीनों को वापस भारत डिपोर्ट कर दिया गया।

लाखों रुपये ठगते थे आरोपी

यह तीनों एजेंट सिंडिकेट के एक्टिव मेंबर है। आरोपी उन लोगों को टारगेट करते थे जो विदेश जाने के लिए काफी ज्यादा उत्साहित होते हैं। फिर फर्जी पासपोर्ट, फर्जी वीजा बनाकर उनसे लाखों रुपए ठग लिया करते थे। पुलिस के मुताबिक पीड़ित को गुयाना का वीजा थमाकर लगभग 20 लाख रुपए ठग लिए थे।

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हाल ही में गुरमीत सिंह पंजाब, साहिल कुमार, विक्रम सिंह तीनों को फर्जी वीजा के माध्यम से विदेश भेजा गया था।

फर्जी पासपोर्ट से भेजा गया विदेश

गुरमीत सिंह को 7 नवंबर 2022 के दिन IGI एयरपोर्ट से, साहिल कुमार को 16 नवंबर 2022 के दिन जयपुर एयरपोर्ट से और विक्रम सिंह को 14 नवंबर 2022 के दिन जयपुर से अजरबैजान के लिए रवाना किया था। जब तीनों इस्तांबुल पहुंचे 18 नवंबर 2022 के दिन एयरपोर्ट पर वीजा वेरिफाई करने पर तीनों के वीजा फर्जी पाए गए। इसके बाद तीनों को वापस भारत डिपोर्ट कर दिया गया।

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जांच के दौरान इन तीनों को भी गिरफ्तार कर लिया गया, क्योंकि इन्होंने फर्जी वीजा बनवाकर विदेश यात्रा की।

साहिल कुमार से पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि वह पैसा कमाने के लिए विदेश जाना चाहता था। उसकी यात्रा की व्यवस्था एजेंट केवल सिंह और उसके सहयोगी एजेंट उदित मोगा और सागर डबास ने की थी, जिसमें से 20 लाख में से एडवांस में दो लाख नागद दिए गए थे बाकी पैसे विदेश पहुंचने के बाद दिए जाने थे।

ट्रैवल कंपनी का मालिक हैं आरोपी

वहीं, आरोपी उदित मोगा ने बताया कि वह MCA में ग्रेजुएट है और दिल्ली के महिपालपुर के मेसर्स रूपाली ट्रैवल्स प्राइवेट लिमिटेड का मालिक है। वो टिकटिंग और मनी एक्सचेंज का कारोबार करता था। बिजनेस के दौरान उनकी दोस्ती केवल सिंह और सागर डबास से हो गई। इसके बाद उन्होंने पीड़ितों को सस्ती कीमतों पर विदेशी देशों के पासपोर्ट/वीजा के बारे में जानकारी बताकर विदेश भेजने के बहाने लुभाना शुरू कर दिया। उदित मोघा ने आगे खुलासा किया कि वह मेसर्स रूपाली ट्रैवल्स के खाते में पैसे लेते थे।

आरोपी उदित मोघा की निशानदेही पर उसके सहयोगी एजेंट सागर डबास को उसके गांव से पकड़ा गया। पूछताछ करने पर उसने भी अपनी संलिप्तता कबूल कर ली और खुलासा किया कि वह पेशे से एक वकील है और उसने अपने सहयोगियों केवल सिंह और उदित मोघा के साथ मिलकर इस मामले में पैक्स के लिए गुयाना के फर्जी वीजा की व्यवस्था की थी, जिससे अच्छा पैसा ये लोग कमा सके।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 7 February 2024 at 20:03 IST