अपडेटेड 9 November 2024 at 20:25 IST
Delhi News: घर में घुसकर नाबालिग संग की घिनौनी हरकत, कोर्ट ने आरोपी को सुनाई कड़ी सजा
Delhi News: फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि यह पूरे समाज की जिम्मेदारी है कि वह अपने बच्चों की देखभाल करे और उन्हें उन लोगों के हाथों शारीरिक एवं मनोवैज्ञानिक शोषण से बचाएं जो यौन शोषण करते हैं।
- भारत
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Delhi News: दिल्ली की एक अदालत ने 2019 में एक नाबालिग लड़की का यौन उत्पीड़न करने के जुर्म में एक व्यक्ति को पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाते हुए कहा कि देश की आकांक्षाएं बच्चों पर टिकी हैं लेकिन यह ‘‘बहुत दुर्भाग्य की बात’’ है कि बच्चे अत्यंत असुरक्षित स्थिति में हैं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुशील बाला डागर ने यह सजा सुनायी।
अतिरिक्त लोक अभियोजक योगिता कौशिक ने कहा कि दोषी को इस घृणित और निंदनीय कृत्य के लिए किसी भी तरह की सहानुभूति नहीं मिलनी चाहिए।
'बच्चों की देखभाल पूरे समाज की जिम्मेदारी'
अदालत ने छह नवंबर को सुनाए अपने फैसले में कहा, ‘‘यह पूरे समाज की जिम्मेदारी है कि वह अपने बच्चों की देखभाल करे और उन्हें उन लोगों के हाथों शारीरिक एवं मनोवैज्ञानिक शोषण से बचाएं जो यौन शोषण करते हैं। आज के बच्चे समाज का भविष्य हैं।’’ उसने कहा, ‘‘भारत के भविष्य की आकांक्षा बच्चों पर टिकी है लेकिन यह बहुत दुर्भाग्य की बात है कि नाबालिग लड़कियों और लड़कों सहित बच्चे अत्यंत असुरक्षित स्थिति में हैं।’’
अदालत ने कहा कि पड़ोस में रहने वाले इस अभियुक्त ने बच्ची को अकेला पाकर यह ‘‘घृणित कृत्य’’ किया।
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कोर्ट ने सुनाई ये सजा
अदालत ने 59 वर्षीय अभियुक्त को धारा 354 ए (यौन उत्पीड़न) और धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) के तहत पांच-पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई।
अदालत ने उसे घर में जबरन घुसने के अपराध के लिए एक साल की कैद और लड़की को बंधक बनाने के लिए छह महीने की कैद की सजा भी सुनाई। अदालत ने कहा कि सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।
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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 9 November 2024 at 20:25 IST