अपडेटेड April 21st 2025, 11:13 IST
Delhi Mayor Election: दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने मैदान छोड़ दिया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद मेयर चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच एक और मुकाबले की पूरी संभावनाएं थीं। हालांकि आम आदमी पार्टी मेयर चुनाव लड़ने से ही पीछे हट गई है। जानकारी सामने आई है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने मेयर चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है।
दिल्ली में मेयर चुनाव को लेकर सोमवार को नामांकन का आखिरी दिन है। 25 अप्रैल को मेयर का चुनाव होना है। हालांकि सोमवार सुबह आम आदमी पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि मेयर इलेक्शन में पार्टी की तरफ से उम्मीदवार नहीं उतारा जाएगा। दिलचस्प ये है कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में पहला विधानसभा चुनाव हारा और मेयर चुनाव में हारने के भी पूरे चांस थे। इस स्थिति में खुद मैदान छोड़ने का ऐलान करते हुए आम आदमी पार्टी के नेता बीजेपी पर दोष मढ रहे हैं।
सौरभ भारद्वाज ने भारतीय जनता पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि AAP के पार्षदों को डराकर, लालच देकर बीजेपी तोड़ने की कोशिश कर रही है। इसलिए AAP मेयर का चुनाव नहीं लड़ेगी। उन्होंने कहा कि BJP ने पहले भी MCD का चुनाव रुकवा दिया था। परिसीमन के दौरान वार्डों को इधर-उधर किया गया। परिसीमन के दौरान जबरदस्त गड़बड़ी और भ्रष्टाचार किया गया। इसके बावजूद BJP चुनाव हारी और AAP की सरकार बनी। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि MCD बैठकों में बीजेपी पार्षदों ने खूब तमाशा किया, जिसके बाद हमने फैसला लिया है कि इस बार मेयर चुनाव में हम अपना उम्मीदवार नहीं उतारेंगे।
आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा कि बीजेपी को अपना मेयर चुनना चाहिए, अपनी स्थायी समिति बनानी चाहिए और बिना किसी बहाने के दिल्ली पर शासन करना चाहिए। बीजेपी दिल्ली में 4 इंजन की सरकार चलाए, दिल्ली की जनता के लिए काम करे। इसी तरह आतिशी ने कहा कि हमने देशभर में देखा कि ऑपरेशन लोटस के तहत दूसरी पार्टियों को तोड़कर बीजेपी सरकार बनाती है। दिल्ली में भी MCD में करारी हार को देखते हुए बीजेपी पार्लियामेंट में एक एक्ट लाई, इससे ये बदलाव हुआ कि 272 से 250 वार्ड हो गए।
आम आदमी पार्टी के आरोपों से इतर आपको दिल्ली मेयर चुनाव का गुणा-गणित पूरा समझा देते हैं। दिल्ली चुनाव में बीजेपी के 8 पार्षद अब विधायक चुने गए हैं ऐसे में नगर निगम में 120 की पार्षदों की संख्या घटकर 112 है, लेकिन 8 पार्षदों के विधायक बनने से महापौर चुनाव में बीजेपी के वोट बढ़े हैं।
इसको ऐसे समझिए कि बीजेपी के 120 में से 8 पार्षद विधायक बने तो 112 पार्षद बाकी रह गए। यहां 13 बीजेपी विधायक और 7 सांसदों को मिलाकर संख्या 132 पहुंच जाती है। आम आदमी पार्टी का गणित ये है कि 122 में से 3 पार्षद विधायक बन गए। ऐसे में बचे 118 पार्षदों के साथ 3 राज्यसभा सांसद और एक विधायक को जोड़कर उसका संख्याबल 122 बैठता है, जो बीजेपी से 10 वोट कम है। हालांकि यहां मान लिया जाए कि यदि कांग्रेस के 8 पार्षद आम आदमी पार्टी को समर्थन करते हैं, तब भी 130 ही होंगे। ऐसे में महापौर की कुर्सी बीजेपी को मिलना तय है।
पब्लिश्ड April 21st 2025, 10:58 IST