Published 13:19 IST, September 29th 2024
MCD स्टैंडिंग कमेटी चुनाव: AAP ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख, BJP पर लगाए ये आरोप
BJP ने MCD की 18 सदस्यीय स्थायी समिति की एकमात्र रिक्त सीट पर निर्विरोध जीत हासिल की। ‘आप’ और कांग्रेस के पार्षदों ने चुनाव का बहिष्कार किया था।
Delhi News: आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति के एक सदस्य के लिए हुए चुनाव को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया है और दावा किया है कि 27 सितंबर को हुआ चुनाव ‘‘गैरकानूनी और अलोकतांत्रिक’’ था।
स्टैडिंग कमेटी में BJP को मिली जीत
भाजपा ने एमसीडी की 18 सदस्यीय स्थायी समिति की एकमात्र रिक्त सीट पर निर्विरोध जीत हासिल की क्योंकि सत्तारूढ़ ‘आप’ और कांग्रेस के पार्षदों ने चुनाव का बहिष्कार किया था। भाजपा ने एमसीडी की स्थायी समिति में रिक्त पद भरने के लिए हुए चुनाव को लेकर दिल्ली की महापौर शैली ओबेरॉय के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई किए जाने का हाल में उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया था।
BJP पर भड़की थीं CM आतिशी
आतिशी ने शनिवार को यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि ‘आप’ शुक्रवार को हुए चुनाव के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी। आतिशी ने भाजपा को एमसीडी को भंग कराने और यह देखने के लिए चुनावों में ‘आप’ का मुकाबला करने की चुनौती दी कि लोग नगर निगम में किस पार्टी को चाहते हैं। उन्होंने कहा था, ‘‘देश संविधान और कानून से चलता है, गुंडागर्दी से नहीं इसलिए भाजपा को लोकतंत्र की हत्या बंद करनी चाहिए।’’
आतिशी ने कहा था कि स्थायी समिति के सदस्य का चुनाव दिल्ली नगर निगम (डीएमसी) अधिनियम, 1957 का उल्लंघन करके किया गया। उन्होंने कहा था कि नियमों के अनुसार, केवल महापौर ही एमसीडी की स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की तारीख और स्थान तय कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा था कि केवल महापौर ही चुनाव के लिए एमसीडी पार्षदों की बैठक की अध्यक्षता कर सकते हैं।
AAP के आरोपों पर BJP का जवाब
भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आतिशी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री की टिप्पणी ‘‘पूरी तरह से राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित’’ है और उनका उद्देश्य ‘भ्रम’ फैलाना था।
सचदेवा ने कहा था, ‘‘आतिशी को पता होना चाहिए कि डीएमसी अधिनियम की धारा 45 के तहत स्थायी समिति का गठन अनिवार्य है। धारा 487 के तहत उपराज्यपाल और नगर आयुक्त को विशेष परिस्थितियों में निगम की बैठक बुलाने का अधिकार है और वे बैठक के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्त कर सकते हैं।’’
उच्चतम न्यायालय ने पांच अगस्त को कहा था कि कानून दिल्ली के उपराज्यपाल को एमसीडी में ‘एल्डरमैन’ नामित करने का ‘‘स्पष्ट रूप से अधिकार’’ देता है और वह (उपराज्यपाल) इस मामले में मंत्री परिषद की सलाह मानने के लिए बाध्य नहीं हैं।
शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मंत्री परिषद की सलाह माने बगैर दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में 10 ‘एल्डरमैन’ नामित करने के उपराज्यपाल के अधिकार को चुनौती दी गई थी।
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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Updated 13:21 IST, September 29th 2024