Published 15:34 IST, September 2nd 2024
घंटों छापेमारी के बाद ED ने किया अरेस्ट, 'लाल डायरी' में अमानतुल्लाह का राज भी है गिरफ्तारी की वजह?
सितंबर 2022 में भी इस घोटाल की जांच के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB)को अमानतुल्लाह खान के करीबी कौशर इमाम सिद्दिकी के घर से एक लाल डायरी मिली थी।
सोमवार (2 सितंबर) को आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को ईडी ने कथित वक्फ घोटाले को लेकर पहले हिरासत में लिया फिर गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी से पहले आप विधायक के घर ईडी ने छापेमारी भी की थी। अमानतुल्लाह खान दिल्ली की ओखला विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के विधायक हैं। जब वो दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन थे तब उन पर अपने पद के दुरुपयोग का आरोप लगा था। इसी मामले में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया है। अमानतुल्लाह ने अपनी गिरफ्तारी पर खुद को बेकसूर बताया है।
सितंबर 2022 में भी इस घोटाल की जांच के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB)को अमानतुल्लाह खान के करीबी कौशर इमाम सिद्दिकी के घर से एक लाल डायरी मिली थी। एसीबी ने बताया था कि इस डायरी में आप विधायक की करोड़ों के लेन-देन का हिसाब लिखा था। इस डायरी को लेकर एसीबी ने ये भी दावा किया था कि लाल रंग की इस डायरी में अमानतुल्लाह के कई सारे राज छिपे थे। अब आप नेता की गिरफ्तारी के बाद ईडी उस लाल डायरी को लेकर भी आप विधायक से पूछताछ कर सकती है। अगर ऐसा हुआ तो वक्फ बोर्ड घोटाले से जुड़े कई राज सामने आएंगे। एसीबी को इस बात का शक था कि डायरी में दर्ज करोड़ों रुपये का लेन-देन हवाला के जरिए हुआ है और ये रुपये दुबई से आए थे। एसीबी ने ये भी दावा किया था कि ये डायरी अमानतुल्लाह के लेन-देन का बही खाता है।
जानिए क्या है दिल्ली का वक्फ घोटाला, जिसमें फंसे अमानतुल्लाह
नवंबर 2016 में दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के एसडीएम ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान के खिलाफ अनियमितता की शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत में आरोप लगाया गया था कि अमानतुल्लाह खान ने वक्फ बोर्ड में कई तरह से अवैध नियुक्तियां की थी। कई गैर स्वीकृत पदों पर मनमाने तरीके से भर्तियां की गईं थीं। आरोप था कि आप नेता ने लगभग 32 लोगों को अवैध रूप से नियुक्तियां की हैं। जब सीबीआई ने इस मामले की जांच की तो इसमें कई तरह से घोटाले नजर आए।
गलत तरीके से की गईं थी भर्तियां
सीबीआई ने अपनी जांच में पाया कि आप नेता अमानतुल्लाह खान ने अपने सहयोगी महबूब आलम के साथ मिलकर अपने पद फायदा उठाया और जानबूझकर वक्फ बोर्ड के नियमों को ताक पर रखकर भर्ती प्रक्रियाओं में मनमाना रवैया अपनाया। उन्होंने इससे अपने मनपसंद लोगों की भर्तियां की जिसकी वजह से योग्य लोगों को रोजगार नहीं मिला और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा। सीबीआई की इस रिपोर्ट के बाद मामले में मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर ईडी को जांच सौंपी गई।
Updated 15:34 IST, September 2nd 2024