अपडेटेड 12 September 2024 at 13:06 IST

Delhi liquor scam: अरविंद केजरीवाल को बेल या जेल... जमानत पर कल फैसला सुनाएगा सुप्रीम कोर्ट

Delhi News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लेकर बड़ी खबर आई है। दिल्ली के तथाकथित शराब घोटाला केस में सीएम केजरीवाल की जमानत पर कल फैसला आएगा।

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Supreme court judgement on Arvind Kejriwal bail plea on Friday
केजरीवाल की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला कल आएगा। | Image: PTI

Delhi liquor scam: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लेकर बड़ी खबर आई है। दिल्ली के तथाकथित शराब घोटाला केस में सीएम केजरीवाल की जमानत पर कल फैसला आएगा। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत याचिका पर फैसले के लिए शुक्रवार की तारीख निर्धारित की है। CBI मामले में दाखिल जमानत याचिका और गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाएगा। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुईयां की बेंच ये फैसला देगी।

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते केजरीवाल की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था, जिसमें उन्होंने अब समाप्त हो चुकी आबकारी नीति के संबंध में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक ने दिल्ली हाईकोर्ट के 5 अगस्त के फैसले को चुनौती दी, जिसमें केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की तरफ से उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखा गया था और उनकी जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था, क्योंकि केजरीवाल पहले निचली अदालत नहीं गए थे।

CBI ने 26 जून को केजरीवाल को गिरफ्तार किया

केजरीवाल को सीबीआई ने 26 जून 2024 को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। वो कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दर्ज मामले की जांच के सिलसिले में तिहाड़ में बंद थे। ईडी के मामले में केजरीवाल को जमानत मिल चुकी है, लेकिन सीबीआई के मामले में अभी केजरीवाल न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी ने 21 मार्च 2024 को केजरीवाल को उनके आवास से गिरफ्तार किया था।

केजरीवाल पर CBI के आरोप

सीबीआई के आरोपपत्र के मुताबिक, केजरीवाल दिल्ली की आबकारी नीति के निर्माण और उसके क्रियान्वयन से जुड़ी आपराधिक साजिश में शुरुआत से ही शामिल थे। सीबीआई ने आरोप लगाए थे कि केजरीवाल के मन में पहले से ही आबकारी नीति के संबंध में निजीकरण का विचार था। भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद इस नीति को रद्द कर दिया गया था।

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सीबीआई के मुताबिक, जब मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में नीति तैयार की जा रही थी, तब केजरीवाल ने मार्च 2021 में अपनी पार्टी के लिए आर्थिक मदद की मांग की थी। सिसोदिया इस मामले में सह-आरोपी हैं। सीबीआई के मुताबिक,  विजय नायर ने केजरीवाल के लिए 'साउथ ग्रुप' के आरोपियों से संपर्क करने के माध्यम के रूप में काम किया और अनुकूल आबकारी नीति के बदले उनसे 100 करोड़ रुपये लिए। मुख्यमंत्री के रूप में केजरीवाल की मनचाही आबकारी नीति को लागू करने और मंजूरी देने में भूमिका थी।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 12 September 2024 at 12:34 IST