Updated March 28th, 2024 at 10:34 IST

तो क्या अरविंद केजरीवाल को अपनों ने लूटा? ED के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे सीएम ने किसे बताया जयचंद

केजरीवाल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में दलील दी कि गिरफ्तारी का उद्देश्य सामग्री ढूंढना नहीं बल्कि केजरीवाल को परेशान करना था।

Reported by: Rupam Kumari
अरविंद केजरीवाल | Image:PTI
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Delhi Liquor Case: आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने अपनी गिरफ्तारी और राउज एवेन्यू कोर्ट के रिमांड के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi HC) में चुनौती दी थी। केजरीवाल की याचिका पर बुधवार को कोर्ट में सुनवाई हुई। केजरीवाल ने कोर्ट में अपने आप को बेगुनहा बताया और तत्काल रिहाई की गुहार लगाई। मगर कोर्ट तुरंत राहत देने से इंकार कर दिया। सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील ने हाई कोर्ट में कई दावे पेश किए।

केजरीवाल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में दलील दी कि गिरफ्तारी का उद्देश्य सामग्री ढूंढना नहीं बल्कि मेरे मुवक्किल और उनकी पार्टी को अक्षम करना था। सिंघवी ने यह भी दावा किया कि धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत केजरीवाल की गिरफ्तारी जरूरी नहीं थी और असहयोग करने के आधार का ईडी ने सबसे ज्यादा दुरुपयोग किया है।

अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट में क्या कहा?

अरविंद केजरीवाल ने बुधवार (27 मार्च) को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि उनकी गिरफ्तारी उन आरोपी लोगों के बयानों के आधार पर है, जो बाद में सरकारी गवाह बन गए। केजरीवाल ने कोर्ट से कहा कि मेरी प्रार्थना है,अब मुझे तत्काल रिहा कर दें। वहीं,केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सरकारी गवाहों की तुलना ट्रोजन हॉर्स (लकड़ी का घोड़ा) से की और आरोप लगाया कि इनका काम लोगों को फंसाना होता है। 

सिंघवी ने सरकारी गवाहों पर लगाया बड़ा आरोप

केजरीवाल की याचिका पर बहस के दौरान मनु सिंघवी ने कोर्ट में कहा, सरकारी गवाह ट्रोजन हॉर्स की तरह होते हैं जिनका काम लोगों को फंसाना होता है। सिंघवी ने उन गवाहों की तुलना राजा जयचंद सी की। जयचंद को लेकर कहा जाता है कि उसने गोरी राजवंश के साथ मिलकर भारतीय शासकों को धोखा दिया था। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, सिंघवी ने कोर्ट में यह दलील दी।

वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में कहा, ‘जिन लोगों को सरकारी गवाह कहा जाता है, हमारे इतिहास में चाहे फिर वो अच्छे मकसद के लिए या फिर बुरे मकसद के लिए किए गए हैं। अदालतों ने ऐसे लोगों को जयचंद और ट्रोजन हॉर्स जैसे शब्दों से नवाजा है और कोर्ट इन पर कड़ा रूख रहा है। उन्होंने हमेशा विश्वासघात किया है।’ उन्होंने आगे कहा एक सरकारी गवाह सबसे कम भरोसे लायक दोस्त होता है।

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मामले की अगली सुनवाई 3 अप्रैल को 

सिंघवी ने अदालत से आग्रह किया कि इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री को उनकी रिहाई का आदेश देकर अंतरिम राहत दी जाए। वहीं,एजेंसी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने कहा कि भारी भरकम याचिका उन्हें मंगलवार को ही सौंपी गई है और एजेंसी को अपना पक्ष रिकॉर्ड पर लाने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया जाना चाहिए। अब मामले की अगली सुनवाई 3 अप्रैल को होगी।

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Published March 28th, 2024 at 10:08 IST

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