अपडेटेड 11 January 2025 at 16:03 IST

Delhi Liquor Scam: दिल्ली चुनाव से पहले CAG रिपोर्ट ने उड़ाए होश, शराब नीति घोटाले में हुआ 2026 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा

Delhi Liquor Scam: कैग रिपोर्ट में आबकारी नीति के क्रियान्वयन में खामियों की ओर इशारा किया गया है, जिससे दिल्ली सरकार को लगभग 2026 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

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Arvind Kejriwal and Manish Sisodia
Arvind Kejriwal and Manish Sisodia | Image: PTI

Delhi Liquor Scam: दिल्ली में चुनाव से पहले शराब पर शोर मचने लगा है। वो इसलिए कि दिल्ली सरकार की अब समाप्त हो चुकी आबकारी नीति पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में दिल्ली की शराब नीति 2021-2022 को बनाने और उसके लागू करने को लेकर कई कमियां और अनियमितताएं सामने आई हैं। दावा किया गया है कि दिल्ली सरकार की आबकारी नीति के कारण सरकारी खजाने को 2026 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

CAG रिपोर्ट में शराब नीति से हुए नुकसान का विस्तृत विश्लेषण किया गया है। इस विश्लेषण में कोविड 19 को लेकर दी गई छूट और पुराने लाइसेंस को दोबारा रिन्यू ना करने से हुए नुकसान को भी शामिल किया गया है। कुल मिलाकर कैग रिपोर्ट में आबकारी नीति के क्रियान्वयन में खामियों की ओर इशारा किया गया है, जिससे दिल्ली सरकार को लगभग 2026 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

रिपोर्ट में क्या-क्या आरोप लगाए गए?

रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि शराब नीति को बनाते वक्त एक्सपर्ट की राय को दरकिनार किया गया था। एक्सपर्ट के पैनल की सलाह ली तो गई, लेकिन उनकी सिफारिशों को नहीं माना। शराब कंपनियों को लाइसेंस जारी करते वक्त भी गड़बड़ी के आरोप हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले से घाटे में चल रही और ब्लैकलिस्ट कंपनियों को लाइसेंस जारी किए गए थे। शराब नीति के बनाने और लागू करने में भी पारदर्शिता की कमी थी।

रिपोर्ट से शराब की कीमत और लाइसेंस देने में पारदर्शिता की कमी को भी उजागर किया गया है। यही नहीं, शराब नीति को लेकर फैसले लेने में कैबिनेट और उपराज्यपाल की अनदेखी के आरोप हैं। रिपोर्ट में ये भी आरोप लगाए गए हैं कि लाइसेंसधारकों और थोक विक्रेताओं के बीच गलत समझौते किए गए। शराब की गुणवत्ता जांचने के लिए न तो टेस्टिंग लैब बनाई गई और न ही खुदरा दुकानों को समान रूप से बांटा गया।

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सरकारी खजाने को कैसे हुआ नुकसान?

रिपोर्ट में दावा है कि वापस लिए गए लाइसेंसों को दोबारा टेंडर न करने से 890 करोड़ रुपये का नुकसान सरकार को हुआ था। उसके अलावा जोनल लाइसेंसधारकों को अनुचित छूट से 941 करोड़ रुपये का नुकसान, कोविड-19 के नाम पर दी गई गलत माफी से 144 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। यही नहीं, सुरक्षा जमा राशि सही से ना वसूलने से 27 करोड़ रुपये का नुकसान सरकार को उठाना पड़ा।

CAG रिपोर्ट के बाद BJP ने AAP को घेरा

कैग रिपोर्ट सामने आने के बाद भारतीय जनता पार्टी इस मामले को लेकर हमलावर हो गई है। बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आम आदमी पार्टी कहती थी कि पाठशाला बनाएंगे, लेकिन पाठशाला नहीं मधुशाला बनी। ये झाड़ू की बात करते थे, लेकिन दारू पर आए। ये स्वराज की बात करते थे, लेकिन शराब पर आए। बीजेपी सांसद ने कहा कि आम आदमी पार्टी की पिछले 10 साल की यात्रा घोटालों और उसके पाप की है।

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अनुराग ठाकुर पूछते हैं- 'अगर इनकी(AAP) नीतियां इतनी अच्छी थी तो फिर वे वापस क्यों ली गई?' उन्होंने कहा कि आज AAP के पास दिल्ली की टूटी-फूटी सड़कों, घरों में गंदा पानी, बढ़ते हुए बिजली के बिल, कूड़े के पहाड़ और प्रदूषण पर कोई जवाब नहीं है। आज दिल्ली की जनता आपदा मुक्त होना चाहती है।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 11 January 2025 at 15:10 IST