अपडेटेड 16 March 2025 at 16:34 IST
अदालत में दुर्व्यवहार के मामले में वकील को निशुल्क सेवा देने का आदेश
अदालत ने निचली अदालत के समक्ष दुर्व्यवहार करने वाले एक वकील को यौन अपराधों से बाल संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के कम से कम दो मामलों में निशुल्क सेवा देने का निर्देश दिया।
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के समक्ष दुर्व्यवहार करने वाले एक वकील को यौन अपराधों से बाल संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के कम से कम दो मामलों में निशुल्क सेवा देने का निर्देश देते हुए कहा कि अनावश्यक आक्रामकता और ऊंची आवाज में बात करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह की अध्यक्षता वाली पीठ ने वकील के खिलाफ शुरू की गई अवमानना कार्यवाही पर विचार करते हुए यह निर्देश दिया, जिन्होंने बाद में बिना शर्त माफी मांगी थी।
माफी स्वीकार करते हुए पीठ ने कहा
माफी स्वीकार करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘हालांकि, प्रतिवादी को एएसजे (पॉक्सो के लिए विशेष अदालत) दक्षिण पूर्व जिला, साकेत अदालत में कम से कम दो आरोपियों/पीड़ितों को निशुल्क सेवाएं प्रदान करनी होंगी।’’ अदालत ने कहा कि संबंधित न्यायाधीश निशुल्क सेवाएं प्रदान करने के लिए कम से कम दो मामलों में उन्हें वकील नियुक्त करेंगे। पीठ ने 12 मार्च के अपने आदेश में कहा, ‘‘अदालत में अनावश्यक आक्रामकता और तेज आवाज में बात करना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता, जो अनादर दर्शाता है। वकीलों को अदालत कक्ष में शिष्टाचार बनाए रखना चाहिए।’’
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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Garima Garg
पब्लिश्ड 16 March 2025 at 16:34 IST