अपडेटेड 10 December 2025 at 14:43 IST
IndiGo Crisis: 5000 का टिकट 30-35 हजार तक कैसे पहुंच गया? इंडिगो संकट पर दिल्ली HC ने केंद्र सरकार को लगाई फटकार
दिल्ली हाई कोर्ट में IndiGo के उड़ानों के रद्द होने और रिफंड दिलाने की मांग से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कई तीखे सवाल किए।
- भारत
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देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी Indigo इन दिनों कई संकटों से गुजर रहा है। इस बीच बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में अचानक उड़ानों के रद्द होने और रिफंड दिलाने की मांग से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने सरकार को जमकर फटकार लगाई और कई तीखे सवाल भी पूछे।
इंडिगो एयरलाइंस के पायलटों और क्रू मेंबर्स की कमी और नई FDTL (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन) नियमों के कारण एयरलाइन कंपनी को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, फ्लाइट की कमी का खामियाजा सबसे ज्यादा यात्रियों को भुगतना पड़ा। इस संकट पर दिल्ली हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने इसे राष्ट्रीय संकट करार देते हुए केंद्र सरकार से कई तीखे सवाल किए।
देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ-दिल्ली HC
जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा, यह सिर्फ यात्रियों की परेशानी का मामला नहीं है, यह देश की अर्थव्यवस्था को भी भारी नुकसान पहुंचा रहा है। कोर्ट ने इस दौरान केंद्र सरकार से सवाल किया कि इतनी गंभीर समस्या के बीच दूसरी एयरलाइंस कंपनी इस स्थिति का फायदा कैसे उठा सकती हैं। साथ ही टिकट की कीमतों में इतना इजाफा क्यों हुआ? इसे रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए?
ASG चेतन शर्मा ने दिया ये जवाब
एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कोर्ट को जवाब देते हुए कहा,केंद्र लंबे समय से FDTL को लागू करने का लक्ष्य बना रहा था, लेकिन एयरलाइन ने सिंगल जज के सामने जुलाई और नवंबर के फेज के लिए एक्सटेंशन मांगा था। उन्होंने आगे कहा, “यह पहली बार है जब मिनिस्ट्री ने दखल दिया है। हमने किराए की लिमिट तय की है, यह लिमिट अपने आप में एक सख्त रेगुलेटरी एक्शन है।
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5000 का टिकट 30-35 हजार कैसे हुआ-दिल्ली HC
दिल्ली हाई कोर्ट ने हवाई किराए में तेज बढ़ोतरी पर सवाल उठाया, यह देखते हुए कि पहले ₹5,000 में मिलने वाले टिकट बढ़कर ₹30,000–35,000 हो गए हैं। बेंच ने पूछा, अगर कोई संकट होता, तो दूसरी एयरलाइनों को इसका फायदा उठाने की इजाजत कैसे दी जा सकती थी? किराए ₹35,000–39,000 तक कैसे बढ़ सकते हैं? दूसरी एयरलाइनें इतनी रकम कैसे चार्ज करना शुरू कर सकती हैं? ऐसा कैसे हो सकता है?”
हालात को इस पॉइंट तक पहुंचने क्यों दिया-Delhi HC
ASG ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और एयरलाइन ने अपने जवाब में बहुत माफी मांगी थी। उन्होंने आगे कहा कि FDTL स्कीम 2024 से पेंडिंग थी क्योंकि एयरलाइन ने बार-बार एक्सटेंशन के लिए रिक्वेस्ट की और सिंगल जज के सामने लगातार भरोसा दिया। चीफ जस्टिस ने सरकार की निगरानी पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर वे फेल हो गए, तो आपने क्या एक्शन लिया? आपने हालात को इस पॉइंट तक पहुंचने दिया।'
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कोर्ट ने सरकार को दिए ये निर्देश
जवाब में, ASG चेतन शर्मा ने संबंधित डॉक्यूमेंट्स का जिक्र करते हुए कहा कि कानूनी सिस्टम पूरी तरह से लागू है। उन्होंने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि एक पूरा फ्रेमवर्क मौजूद है और सरकार ने तेजी से और मजबूती से जवाब दिया है, खासकर सीनियर सिटिजन्स मेडिकली कमजोर हवाई यात्रियों की सुरक्षा के लिए। दिल्ली हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है कि एयरपोर्ट पर फंसे इंडिगो के यात्रियों को तुरंत मुआवजा देने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं।
Published By : Sujeet Kumar
पब्लिश्ड 10 December 2025 at 14:40 IST