Published 23:13 IST, September 23rd 2024
दिल्ली कोचिंग मौत: अदालत ने राव आईएएस स्टडी सर्किल के सीईओ, समन्वयक को अंतरिम जमानत दी
दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को कोचिंग संस्थान राउज आईएएस स्टडी सर्किल के सीईओ अभिषेक गुप्ता और इसके समन्वयक देशपाल सिंह को अंतरिम जमानत दे दी।
दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को कोचिंग संस्थान राउज आईएएस स्टडी सर्किल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अभिषेक गुप्ता और इसके समन्वयक देशपाल सिंह को सात दिसंबर तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी।
अदालत ने उन्हें जुलाई में कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन विद्यार्थियों की मौत से संबंधित मामले में यह राहत दी है।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजू बजाज चांदना ने गुप्ता को 30 नवंबर तक रेड क्रॉस सोसाइटी के पास 2.5 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश भी दिया और कहा कि परिसर के लीज समझौते के अनुसार, आरोपी अकेले ही संस्थान का पट्टेदार और सीईओ है, इसलिए वह किसी भी क्षति के दावे और किसी भी व्यक्ति या सामग्री को हुए नुकसान के लिए जिम्मेदार होगा।
न्यायाधीश ने आरोपियों को एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही रकम की दो जमानत राशि पर राहत प्रदान की।
न्यायाधीश ने कहा कि गुप्ता और सिंह क्रमशः राउज आईएएस स्टडी सर्किल के सीईओ और समन्वयक थे और इसके मामलों पर उनका नियंत्रण था।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि परिसर के बेसमेंट का उपयोग नियमों और विनियमों के उल्लंघन में किया जा रहा था, हालांकि, साथ ही निकाय अधिकारियों की विफलता को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।’’
न्यायाधीश ने दिल्ली उच्च न्यायालय की इस टिप्पणी का उल्लेख किया कि इस स्थान पर वर्षा जल निकासी नाली काम नहीं कर रही थी और कोचिंग सेंटर के सामने नाली की सफाई नहीं की गई थी और साथ ही उस पर अतिक्रमण किया गया था और रैंप से उसे ढक दिया गया था।
सत्र न्यायाधीश ने कहा, ‘‘निकाय अधिकारी अनधिकृत गतिविधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने में विफल रहे।’’
न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी व्यक्तियों के संबंध में जांच पूरी हो चुकी है और बहुत जल्द आरोप-पत्र प्रस्तुत किया जाएगा।
न्यायाधीश ने कहा कि इमारत के मालिकों को पहले ही अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष के मामले का परीक्षण साक्ष्य के आधार पर मुकदमे के दौरान किया जाएगा।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘भारत के उच्चतम न्यायालय के विभिन्न निर्णयों द्वारा स्थापित कानून के अनुसार जमानत नियम है और जेल अपवाद है। इस स्तर पर जमानत देने से इनकार करना (जब जांच काफी हद तक पूरी हो चुकी है) मुकदमे से पहले ही सजा देने के समान होगा। इस स्तर पर, जब याचिकाकर्ता/आरोपी पहले से ही 54 दिनों से अधिक समय से हिरासत में है, तो आरोपी को आगे हिरासत में रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा।’’
सत्ताईस जुलाई को मध्य दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में भारी बारिश के बाद राउज आईएएस स्टडी सर्किल वाली इमारत के बेसमेंट में पानी भर जाने से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन छात्रों उत्तर प्रदेश की श्रेया यादव (25), तेलंगाना की तान्या सोनी (25) और केरल के नेविन डेल्विन (24) की मौत हो गई थी।
Updated 23:13 IST, September 23rd 2024