अपडेटेड 12 November 2025 at 11:35 IST
Delhi Blast: कई शहरों में थी धमाके की साजिश, दो साल से इकठ्ठा कर रहे थे विस्फोटक...डॉ शाहीन शाहिद ने किए सन्न कर देने वाले खुलासे
दिल्ली के लाल किला के पास हुए धमाके की जांच में एजेंसियों ने डॉक्टर उमर उन नबी को मुख्य साजिशकर्ता माना है। एजेंसियों का कहना है कि उमर फरीदाबाद मॉड्यूल का सबसे कट्टरपंथी सदस्य था।
- भारत
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दिल्ली के लाल किला के पास हुए धमाके की जांच में एजेंसियों ने डॉक्टर उमर उन नबी को मुख्य साजिशकर्ता माना है। एजेंसियों का कहना है कि उमर फरीदाबाद मॉड्यूल का सबसे कट्टरपंथी सदस्य था। उसके साथ डॉ मुजम्मिल अहमद गणाई, डॉ अदील मजीद राथर, और डॉ शाहीन शाहिद भी पकड़े गए हैं। ये सभी अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में सहकर्मी थे और वहीं से मिलकर आतंकी गतिविधियों की योजना बनाते थे।
सूत्रों की मानें तो पिछले दो वर्षों से उमर, मुजम्मिल और अदील फर्टिलाइजर आधारित अमोनियम नाइट्रेट को विस्फोटक तैयार करने के लिए इकट्ठा कर रहे थे। इनका मकसद जैश-ए-मोहम्मद के इशारे पर देशभर में बम धमाके जैसे बड़े आतंकी हमलों को अंजाम देना था। सोमवार की रात श्रीनगर में पूछताछ के दौरान डॉ शाहीन ने उमर के कट्टर इरादों की पुष्टि की। शाहीन शाहिद ने माना कि उमर अक्सर देशभर में कई आतंकी हमले करने की बातें करता था।
गौरतलब है कि इस पूरे मामले में तीन डॉक्टरों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन साजिश के मास्टरमाइंड उमर अभी फरार है। जानकारी है कि उसने रेड फोर्ट के पास i20 कार में विस्फोटक सामग्री भरकर धमाका किया और मौके से भाग निकला। वहीं यह भी बताया जा रहा है कि उमर ने कार में खुद को उड़ा दिया और उसकी मौत हो चुकी है।
गिरफ्तार डॉक्टर्स की जड़ें पाकिस्तान तक
इस केस में पुलिस को एक बड़ा चैट ग्रुप भी मिला है, जिसमें सिर्फ प्रोफेशनल्स नहीं, बल्कि उनके रिश्तेदार भी शामिल थे। इसी कड़ी में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लखनऊ से परवेज सईद को हिरासत में लिया। वहीं, एक अमोनियम नाइट्रेट सप्लायर के बारे में भी सुराग मिले हैं, जिस पर कार्रवाई की तैयारी है।
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छापेमारी में सामने आया है कि इस नेटवर्क से कई मौलवी भी जुड़े हैं, जो पढ़े-लिखे युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेल रहे थे। इनमें शोपियां के मौलवी इरफान अहमद वागे और मेवात के हाफिज मोहम्मद इश्तियाक का नाम खास है। इनकी भूमिका आतंकियों को लॉजिस्टिक और आइडियोलॉजिकल सपोर्ट देने की बताई गई है, जिनकी जड़ें पाकिस्तान तक जाती हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, डॉक्टरों की प्रोफेशनल छवि इन आतंकियों के लिए सबसे बड़ा कवर बन गई थी। किसी को उन पर शक तक नहीं होता था, जिससे वे आसानी से अपनी साजिशों को अंजाम दे रहे थे। यह कोई पहला मामला नहीं है जब किसी कश्मीरी डॉक्टर के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगे हैं। पिछले साल, डॉ निसार उल हसन को भी ऐसे ही आरोपों में बर्खास्त किया गया था। अब यह जांच का विषय है कि क्या उसका इस नेटवर्क या दिल्ली ब्लास्ट से कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध था।
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Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 12 November 2025 at 11:35 IST