अपडेटेड 28 May 2024 at 14:25 IST

दिल्ली अग्निकांड: वो 34 मिनट और ना होती ये चूक तो कफन में नहीं गोद में किलकारी कर रहे होते 7 नवजात

दिल्‍ली के विवेक विहार स्थित बेबी केयर सेंटर में आग से बच्चों की मौत के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।

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Delhi Baby Care Fire Incident
Delhi Baby Care Fire Incident | Image: R Bharat

Delhi Baby Care Centre Fire: दिल्‍ली के विवेक विहार स्थित बेबी केयर सेंटर में आग से बच्चों की मौत के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस ने दवा किया है कि पीसीआर कॉल से करीब 35 मिनट पहले शॉर्ट सर्किट से आग लगी थी। इससे वेंटिलेटर बंद हो गए और चारों तरफ धुआं फैल गया।

आशंका जताई जा रही है कि वेंटिलेटर सपोर्ट खत्म होने और धुएं के कारण दम घुटने से शिशुओं की मौत हुई है। हालांकि पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट में वजह का खुलासा होगा। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि पीसीआर को देरी से सूचना देने के पीछे की वजह क्या थी। साफ शब्दों में कहें तो अगर अस्पताल वालों ने यह गलती नहीं की होती तो आज कफन में लिपटे ये सभी मासूम अपने मां-बाप की गोद में किलकारी ले रहे होते।

35 मिनट की नाकाम कोशिश, कफन में लिपट गई किलकारियां

दरअसल पुलिस जांच में पता चला है कि अस्पताल में शनिवार रात 10.55 बजे शॉर्ट सर्क‍िट से आग लग गई थी। शुरुआत में अस्पताल के लोग ही आग को बुझाने की कोशिश करते रहे। हालांकि करीब आधे घंटे कोशिश करने के बाद हालात बेकाबू होते चले गए तब जाकर 11:29 बजे पीसीआर को कॉल की गई। ऐसे में माना जा रहा है कि पुलिस को सूचना देने में हुई 34 मिनट की ये देरी नवजातों की जान पर भारी पड़ गई।

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ह आग शॉर्ट सर्किट से लगी थी। इस कारण वहां बिजली भी गुल हो गई और अस्पताल में अंधेरा छा गया था। इस वजह से बच्चों को वहां से वक्त रहते निकालने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

अस्पताल में थे दो एग्जिट गेट लेकिन एक जाम था

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पुलिस के मुताबिक विवेक बिहार के इस बेबी केयर सेंटर में दो एक्जिट डोर थे लेकिन जांच में पता चला कि आरोपी डॉक्टर ने मशीनों और दवाओं से दरवाजे को जाम कर दिया था। जिसके कारण वहां से कोई निकल नहीं पाया। इसके साथ ही अस्पताल में ना तो स्प्रिंकलर थे और ना ही फायर अलार्म बेल थी। जिसे बजाकर आग लगने का अलर्ट दिया जा सके। पुलिस ने बताया कि इस अस्पताल में केवल पांच बच्चों को भर्ती करने की अनुमति थी लेकिन आरोपी डॉक्टर नवीन खिची ने यहां पर 20 बच्चों को भर्ती कर रखा था।

Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 28 May 2024 at 13:50 IST