अपडेटेड 28 February 2025 at 13:27 IST

कोरोना काल में ऑक्सीजन-ऑक्सीजन चिल्लाते थे केजरीवाल, मिला फंड भी नहीं कर पाए खर्च; CAG रिपोर्ट में पाई-पाई का हिसाब

रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि कोरोना के दौरान पिछली केजरीवाल सरकार को केंद्र से दिल्ली के लिए 635 करोड़ रुपये मिले, लेकिन इसमें 360 करोड़ रुपये खर्च नहीं किए जा सके।

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Arvind Kejriwal
अरविंद केजरीवाल की सरकार को लेकर खुलासा. | Image: PTI

Delhi News: अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी कोरोना के हालातों में खूब ऑक्सीजन ऑक्सीजन चिल्ला रही थी। उस महामारी के दौर में आए दिन केजरीवाल और उनकी पार्टी के निशाने पर केंद्र सरकार रही। हैरानी की बात ये है कि दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था और मोहल्ला क्लीनिक को बड़ी उपलब्धि बताने में अरविंद केजरीवाल ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी। हालांकि दिल्ली में सत्ता परिवर्तन के बाद एक के बाद एक पिछली AAP सरकार के कामों की पोल खुल रही है।

दिल्ली विधानसभा में पिछले दिन जहां पेश CAG रिपोर्ट में आबकारी नीति के जरिए 2 हजार रुपये से अधिक के नुकसान का खुलासा हुआ। अभी कोरोना के समय के दिल्ली के हेल्थ सेक्टर की गड़बड़ी ने आम आदमी पार्टी को फिर से कटघरे में खड़ा कर दिया है। सामने आया है कि फंड होने बावजूद भी दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में जरूरी कामों को नहीं किया।

कोरोना में 635 करोड़ के फंड से 360 करोड़ खर्च ही नहीं

रिपोर्ट से ही खुलासा हुआ कि कोरोना के दौरान केजरीवाल सरकार को केंद्र से 635 करोड़ रुपये मिले और इसमें 360 करोड़ रुपये खर्च नहीं किए जा सके, जबकि उस समय दिल्ली में लोग ऑक्सीजन और अस्पतालों में बेड के लिए तरस रहे थे। रिपब्लिक भारत के पास एक्सक्लूसिव जानकारी है कि भारत सरकार की ओर से 635.62 करोड़ रुपये कोरोना महामारी के समय दिल्ली सरकार को दिए गए, जिसमें से महज 270.55 करोड़ की खर्च किए गए। ऐसे में सवाल उठता है कि बाकी 360 करोड कहां गए?

  • डायग्नोस्टिक समेत सैंपल ट्रांसपोर्ट के लिए 371.06 करोड़ भारत सरकार की तरफ से दिए गए, लेकिन महज 68.91 करोड़ की इस्तेमाल हुए।
  • पीपीई, मास्क समेत दवा और सप्लाई के लिए भारत सरकार ने 119.85 करोड़ रुपये दिए, लेकिन दिल्ली सरकार ने 83.14 करोड़ ही खर्च किए।
  • मानव संसाधन (Human Resourses Exp) के लिए केंद्र से 52 करोड़ रुपये दिए गए, जिसमें से दिल्ली सरकार 30.52 करोड़ खर्च कर पाई।
  • आईईसी-बीईसी के के लिए भारत सरकार ने 6.93 करोड़ दिए लेकिन दिल्ली सरकार ने 6.20 करोड़ की खर्च किए।
  • अन्य खर्चों के लिए भारत सरकार ने 61.11 करोड़ दिए, लेकिन दिल्ली सरकार ने 57.11 करोड़ ही खर्च किए।

6 साल में 2623.35 करोड़ के फंड का इस्तेमाल ही नहीं

CAG रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2016- 17 से लेकर साल 2021- 22 तक इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना में जितने पैसे मिले, उनमें से 2,623 करोड़ रुपये खर्च ही नहीं हो पाए। आसान शब्दों में कहें तो कुल 6 सालों में दिल्ली सरकार ने 2623.35 करोड़ रुपये के फंड का इस्तेमाल ही नहीं किया।

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किस साल में दिल्ली को कितना पैसा मिला?

  • साल 2016-17: 288.45 करोड़ रुपये
  • साल 2017-18: 282.48 करोड़ रुपये
  • साल 2018-19: 553.76 करोड़ रुपये
  • साल 2019-20: 497.25 करोड़ रुपये
  • साल 2020- 21: 466.92 करोड़ रुपये
  • साल 2021-22: 191.48 करोड़ रुपये

हेत्थ सेक्टर पर विधानसभा में पेश होगी CAG रिपोर्ट

दिल्ली के हेत्थ सेक्टर को लेकर विधानसभा में शुक्रवार को CAG रिपोर्ट पेश की जाएगी। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता वित्त विभाग की देखरेख करती हैं और शुक्रवार को वो दिल्ली विधानसभा में हेल्थ सेक्टर पर नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट पेश करेंगी। दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा कहते हैं, 'अरविंद केजरीवाल के भ्रष्टाचार की एक और सीएजी रिपोर्ट आज दिल्ली विधानसभा में पेश की जाएगी। कैसे उन्होंने अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर दिल्ली को लूटा, कैसे मोहल्ला क्लीनिकों में बिजली की आपूर्ति नहीं थी, कैग रिपोर्ट के पन्नों पर लिखा होगा कि अरविंद केजरीवाल 'कट्टर बेईमान' हैं।'

बीजेपी विधायक सतीश उपाध्याय कहते हैं- ‘स्वास्थ्य पर सीएजी रिपोर्ट से कई बातें स्पष्ट हो जाएंगी। खुद को पारदर्शी कहने वाली पार्टी (AAP) ने दिल्ली के लोगों को धोखा दिया है और बहुत बड़ा भ्रष्टाचार किया है। निश्चित रूप से हम दिल्ली के लोगों का एक-एक पैसा वापस लाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। आज सीएम स्वास्थ्य पर (सीएजी) रिपोर्ट (विधानसभा में) पेश करेंगे, जिससे कई चीजें स्पष्ट हो जाएंगी।’

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 28 February 2025 at 13:27 IST