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पब्लिश्ड 21:47 IST, February 1st 2025

क्या है महाराष्ट्र में तेजी से फैल रहा गुइलेन-बैरे सिंड्रोम? अब तक 5 मौत का बन चुका है कारण, जानें कैसे करें बचाव

महाराष्ट्र में दुर्लभ Disorder GBS के अब तक 149 संदिग्ध मामले सामने आए हैं। पुणे के वारजे इलाके में शनिवार को 60 साल के एक मरीज ने दम तोड़ दिया।

Reported by: Digital Desk
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What is Guillain-Barre Syndrome
क्या है महाराष्ट्र में तेजी से फैल रहा गुइलेन-बैरे सिंड्रोम? | Image: Representative image

Guillain-Barre Syndrome: महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। GBS के कारण मरने वालों की संख्या शनिवार को पांच हो गई और 149 संदिग्ध मामले सामने आए हैं। राज्य में इस दुर्लभ विकार (Disorder) के अब तक 149 संदिग्ध मामले सामने आए हैं। पुणे के वारजे इलाके में 60 साल के व्यक्ति ने शनिवार को दम तोड़ दिया।

गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) एक दुर्लभ ऑटोइम्यून विकार है, जो शरीर को संक्रमण और बीमारियों से बचाने वाली प्रतिरक्षा प्रणाली नसों पर हमला करती है। यह अक्सर वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के बाद होता है, जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करता है।

कहां कितने केस?

स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, महाराष्ट्र में 149 संदिग्ध मामले सामने आए हैं, जिनमें से 124 में GBS की पुष्टि हुई है। एक आधिकारिक आंकड़े के अनुसार ‘‘29 मरीज पुणे शहर से हैं, 82 पीएमसी (पुणे नगर निगम) क्षेत्र में नए जोड़े गए गांवों से, 17 पिंपरी चिंचवड़ से, 13 पुणे ग्रामीण से और आठ अन्य जिलों से हैं।’’

ज्यादातर मामले पुणे और उसके आस-पास के इलाकों से हैं। पुणे शहर के अलग-अलग इलाकों से पानी के सैंपल लैब में भेजे गए हैं। जिसमें आठ जल स्रोतों के नमूने दूषित पाए गए हैं।

GBS के लक्षण

GBS एक दुर्लभ डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर के हिस्से अचानक सुन्न पड़ जाते हैं और मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है। इसके साथ ही इस बीमारी में हाथ पैरों में गंभीर कमजोरी जैसे लक्षण भी होते हैं। माना जाता है कि दूषित खाने और पानी में पाया जाने वाला ‘बैक्टीरिया कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी’ इस प्रकोप का कारण है।

  • शरीर में सुन्नता और झुनझुनी
  • मांसपेशियों में दर्द और थकान
  • दस्त, उल्टी और पेट दर्द
  • कुछ मामलों में बुखार
  • सांस लेने में समस्या

GBS से बचाव

सावधानियों और उचित स्वच्छता उपायों से गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। नियमित रूप से हाथ धोएं और स्वच्छ पानी का उपयोग करें। खाने को ठीक से पकाएं ताकि हानिकारक बैक्टीरिया नष्ट हो जाएं। कच्चे मांस और दूसरे खाद्य पदार्थों के लिए अलग-अलग कटिंग बोर्ड और बर्तनों का उपयोग करें।

संक्रमण से बचाव के लिए वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण से बचने के लिए भीड़-भाड़ वाले स्थानों से दूरी बनाए रखें और मास्क पहनें। इसके अलावा अगर पैरों में अचानक कमजोरी, झनझनाहट या निगलने में दिक्कत जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।

(भाषा इनपुट के साथ)

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अपडेटेड 21:47 IST, February 1st 2025