अपडेटेड 25 February 2025 at 21:34 IST
Rajasthan Assembly Budget Session: राजस्थान विधानसभा में नहीं थम रहा सत्ता पक्ष और विपक्षी कांग्रेस के बीच गतिरोध
राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी मंगलवार को सदन में भावुक हो गए और कहा कि उन्होंने कभी पक्षपात नहीं किया और फिर भी अगर अनुचित शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है तो यह दुखद है।
- भारत
- 6 min read

राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी मंगलवार को सदन में भावुक हो गए और कहा कि उन्होंने कभी पक्षपात नहीं किया और फिर भी अगर अनुचित शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है तो यह दुखद है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा सोमवार को सदन में कहे गये शब्दों की ओर इशारा करते हुए देवनानी ने कहा कि सदन के अंदर इस्तेमाल किए गए शब्द गंभीर और अपमानजनक हैं। उन्होंने कहा कि यह उनका अपमान नहीं बल्कि आसन का अपमान है।
देवनानी ने कहा, ‘‘मैंने कभी भी पक्षपात नहीं किया और ना करूंगा इसके बाद भी यदि इस तरह के शब्द सुने जायें तो मन को पीड़ा होना स्वाभाविक है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ लोगों ने मुझे इस असाधारण आसन तक पहुंचाया… मैं तो एक छोटा सा कार्यकर्ता था… एक कॉलेज में पढ़ाता था.. कभी कल्पना नहीं की थी कि यहां तक पहुंचूंगा.. लेकिन मुझे आपने पहुंचाया...ऐसे शब्द सुनने के लिये तो मैं आसन पर नहीं आया हूं…अध्यक्ष नहीं बना हूं इसलिये अब आप लोगों पर छोड़ता हूं कि इस पर क्या किया जाये... कैसे किया जाये….कौन करे।’’
राजस्थान विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध
उन्होंने कहा, ‘‘एक दल के प्रदेश अध्यक्ष के भाषण के इन शब्दों को मैं दोहरा नहीं सकता। अखबारों में सबने पढ़ा है। वह शब्द सदन के अंदर ही कहे गए हैं चाहे सदन की कार्यवाही चल रही हो चाहे नहीं चल रही हो। लेकिन, सदन में बोले जाने वाले शब्द बहुत गंभीर हैं और अपमान जनक हैं।’’ देवनानी ने कहा, ‘‘मेरा अपमान नहीं हुआ है। इस आसन का अपमान हुआ है। अब यदि हम इस आसन का अपमान चाहते हैं तो निश्चित रूप से इस बात को मैं स्पष्ट करना चाह रहा हूं कि जो कुछ सदस्य ने कहा, क्या करेंगे आप लोग यह सदन तय करे। लेकिन ऐसा व्यक्ति सदन के सदस्य बने रहने योग्य नहीं है। अब उसके लिए क्या किया जाए, क्या नियम है सदन को तय करना है।’’
गोविंद सिंह डोटासरा की टिप्पणियों के बाद हुई तीखी बहस के बाद देवनानी ने सदन की अनुशासनात्मक प्रक्रियाओं में बदलाव की भी घोषणा की। देवनानी ने कहा कि कोई भी विधायक जो अध्यक्ष के आसन के सामने व्यवधान डालेगा, उसे स्वतः ही पांच दिन के लिए निलंबित कर दिया जाएगा, चाहे वह किसी भी पार्टी से जुड़ा हो। उन्होंने स्पष्ट किया कि निलंबन का प्रस्ताव मंजूरी के लिए सदन में लाने की जरुरत नहीं होगी, जैसा कि पहले होता था। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और भाजपा विधायक गोपाल शर्मा ने डोटासरा की सदस्यता समाप्त करने की मांग की, जबकि अन्य दलों के सदस्यों ने इस घटना की निंदा की।
Advertisement
छह निलंबित विधायकों को सदन में प्रवेश पर रोक
राजस्थान विधानसभा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी कांग्रेस के नेताओं के बीच गतिरोध मंगलवार को भी जारी है और कांग्रेस के छह निलंबित विधायकों को सदन में प्रवेश नहीं करने दिया गया। निलंबित विधायकों का समर्थन कर रहे कांग्रेस के अन्य विधायक भी विधानसभा में प्रवेश नहीं कर पाए। कांग्रेस विधायक विधानसभा परिसर के बाहर धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस बीच, कांग्रेस के बहिष्कार के बीच सदन की कार्यवाही जारी रही। बाद में, कांग्रेस विधायकों का विरोध प्रदर्शन समाप्त हो गया। उन्होंने सदन की कार्यवाही में भाग नहीं लिया। कांग्रेस के बहिष्कार के बीच बजट पर बहस जारी रही। मंगलवार शाम को सदन की कार्यवाही 27 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मंगलवार को विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ' जिस बात को लेकर गतिरोध हुआ था, मंत्री की वह टिप्पणी आज भी कार्यवाही में मौजूद है और मंत्री एक शब्द नहीं बोल रहे हैं।’’ डोटासरा ने कहा, ‘‘ हमारी मांग आज भी वही है कि मंत्री माफी मांगे… उनके द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री के लिये कहे गये शब्दों को कार्यवाही से हटाया जाए और फिर हमारा निलंबन रद्द कर सदन चले।’’ डोटासरा ने कहा, ‘‘ सदन इनको (सरकार को) चलाना है… इनकी आंतरिक कलह है …मुख्यमंत्री की… विधानसभा अध्यक्ष की…, वसुंधरा की…, किरोड़ी मीणा की… उसके चक्कर में पूरे राजस्थान के मुद्दों को नजरअंदाज करना चाहते हैं।’’
Advertisement
गृह राज्य मंत्री ने क्या कहा?
गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने संवाददाताओं से कहा, ‘सदन में गतिरोध को समाप्त करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। विपक्ष के नेता दिशाहीन हो गए हैं और अनावश्यक मुद्दों पर गतिरोध पैदा कर रहे हैं, उन्हें सदन चलाने में मदद करनी चाहिए।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता अपनी अंदरूनी लड़ाई को सदन में लाना चाहते हैं।विपक्षी कांग्रेस ने मंत्री से माफी मांगने और विधायकों का निलंबन रद्द करने की मांग की है। विधानसभा में गतिरोध समाप्त करने के लिए अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के कक्ष में सत्तारूढ़ भाजपा के नेताओं और विपक्षी कांग्रेस नेताओं के बीच कई दौर की वार्ता हुई, लेकिन मामला सुलझ नहीं सका, क्योंकि निलंबित कांग्रेस विधायक और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के बयान से अध्यक्ष और संसदीय कार्य मंत्री संतुष्ट नहीं थे।
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने राजस्थान विधानसभा में चल रहे गतिरोध के पीछे डोटासरा को एकमात्र कारण बताया है। उन्होंने सत्र स्थगित होने के बाद डोटासरा द्वारा विधानसभा अध्यक्ष के बारे में इस्तेमाल की गई आपत्तिजनक भाषा की निंदा की। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘विधानसभा अध्यक्ष जिस तरह से काम कर रहे हैं, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बारे में टिप्पणी करने वालों से माफी मांगने में देरी क्यों हुई?’गहलोत ने कहा कि विपक्ष के नेता और डोटासरा दोनों ने पहले ही इस घटना पर खेद व्यक्त किया है।
विपक्ष पर बरसे सचिन पायलट
अहंकार को अलग रखने का आग्रह किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि यह अनावश्यक टिप्पणी करने वाले मंत्री सदन में माफी मांगें। हमने अपनी मांग रखी, लेकिन अध्यक्ष ने इसके बजाय छह विधायकों को निलंबित कर दिया।’ बाद में विपक्षी कांग्रेस ने दिनभर के लिए सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया। सदन की कार्यवाही सोमवार को व्यवधान के बीच चार बार स्थगित की गई थी। उल्लेखनीय है कि मंत्री अविनाश गहलोत ने शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास संबंधी एक प्रश्न का उत्तर देते समय विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा था, ‘‘2023-24 के बजट में भी आपने हर बार की तरह अपनी ‘दादी’ इंदिरा गांधी के नाम पर इस योजना का नाम रखा था।’’
इस टिप्पणी के कारण सदन में भारी हंगामा हुआ था, और सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी। हंगामे के कारण प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, रामकेश मीणा, अमीन कागजी, जाकिर हुसैन, हाकम अली और संजय कुमार सहित छह कांग्रेस विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया गया था। सदन की बैठक स्थगित होने के बाद कांग्रेस विधायकों ने मंत्री से माफी मांगने और निलंबन रद्द करने की मांग करते हुए विधानसभा में धरना शुरू कर दिया था।
Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 25 February 2025 at 21:34 IST