अपडेटेड 5 November 2024 at 21:41 IST
दाऊदी बोहरा समुदाय ने वक्फ बोर्ड के दायरे से बाहर रखे जाने की मांग की
इस समुदाय के प्रतिनिधियों की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल की अध्यक्षता वाली समिति के समक्ष पेश हुए।
- भारत
- 2 min read

दाऊदी बोहरा समुदाय के प्रतिनिधियों ने वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति से मंगलवार को आग्रह किया कि उनके समुदाय को किसी भी वक्फ बोर्ड के दायरे से बाहर रखा जाए।
उनका कहना था कि वक्फ संशोधन विधेयक उनके विशेष दर्जे का उल्लेख नहीं करता। इस समुदाय के प्रतिनिधियों की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल की अध्यक्षता वाली समिति के समक्ष पेश हुए।
समुदाय द्वारा दिए गए एक लिखित आवेदन में कहा गया कि यह एक ‘‘छोटा और मजबूती से जुड़ा हुआ’’ संप्रदाय है। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘‘इसके मामलों को उस तरह के विनियमन की आवश्यकता नहीं है जिसे अन्य समुदायों के संबंध में आवश्यक या यहां तक कि वांछनीय माना जा सकता है।’’’
उनका कहना था कि यह आवश्यक है कि समुदाय के सदस्यों को उनकी मान्यताओं और आवश्यक धार्मिक प्रथाओं के अनुसार ऐसी संपत्तियों की स्थापना, रखरखाव, प्रबंधन और प्रशासन करने की अनुमति दी जाए।
Advertisement
उन्होंने यह भी कहा कि वक्फ बोर्ड की शक्तियां इस समुदाय के बुनियादी मत को कमजोर करती हैं। दाऊदी बोहरा समुदाय के प्रतिनिधियों ने उच्चतम न्यायालय के कई उन फैसलों का हवाला दिया कि जिनमें उनकी ‘‘विशिष्ट संरचना’’ की मान्यता को रेखांकित किया गया है।
Advertisement
साल्वे ने दाऊदी बोहरा की विशिष्ट विशेषताओं के बारे में विस्तार से तर्क दिया। उन्होंने विशेष रूप से इस समुदाय के नेता ‘अल-दाई अल-मुतलक’ को समुदाय से जुड़े मामलों में शक्तियों का उल्लेख किया और कहा कि किसी भी वक्फ बोर्ड को इस समुदाय की संपत्तियों और मामलों में दखल की अनुमति नहीं दी जा सकती।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 5 November 2024 at 21:41 IST