अपडेटेड 10 July 2025 at 15:13 IST

शादी के बाद छांगुर के संपर्क में कैसे आई नीतू रोहरा? पति के साथ किया धर्म परिवर्तन, फिर बाबा की गर्लफ्रेंड बनने तक की पूरी कहानी

UP News: छांगुर बाबा के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार और यूपी पुलिस अब पूरी तरह एक्शन मोड में हैं। बाबा का धर्मांतरण रैकेट सामने आने के बाद प्रशासन ने उसकी पूरी नेटवर्क पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसी दौरान उसकी करीबी मानी जाने वाली नीतू वोहरा, जो अब नसरीन के नाम से जानी जा रही है, भी सुर्खियों में आ गई है।

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Conversion racket mastermind Jamaluddin alias Chhangur Baba neetu nasreen
शादी के बाद छांगुर के संपर्क में कैसे आई नीतू रोहरा? पति के साथ किया धर्म परिवर्तन, फिर बाबा की गर्लफ्रेंड बनने तक की पूरी कहानी | Image: ANI

UP Crime News: बलरामपुर में धर्मांतरण का गंदा खेल खेलने वाला छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन अब उत्तर प्रदेश पुलिस की गिरफ्त में है। योगी सरकार के आदेश के बाद छांगुर का बना-बनाया साम्राज्य ध्वस्त हो चुका है। बलरामपुर में धर्मांतरण की खबर सुनने के बाद यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। बलरामपुर निवासी छांगुर बाबा, नवीन रोहरा और उसकी पत्नी नीतू रोहरा के साथ मिलकर एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का संचालन कर रहा था, जिसने पूरे उत्तर प्रदेश को झकझोर कर रख दिया। नीतू रोहरा भी इस पूरे मामले में खासा चर्चित चेहरा बन गई हैं। बताया जा रहा है कि पति-पत्नी नीतू और नवीन, छांगुर बाबा के संपर्क में आने के बाद इस्लाम धर्म अपना चुके थे। इसके बाद यह तीनों मिलकर हिंदू लड़कियों को अपने जाल में फंसाने और धर्मांतरण के लिए मजबूर करने का काम कर रहे थे।

इस मामले में हर किसी की जुबां पर ये सवाल है कि आखिर नीतू रोहरा उर्फ नसरीन है कौन? ये छांगुर बाबा के संपर्क में कैसे आई? छांगुर बाबा और अपने पति नवीन के साथ मिलकर धर्मांतरण का ये गंदा खेल खेलने वाली नासरीन अब छांगुर की पत्नी की तरह से उसके साथ रहती है। इस गैंग के धर्मांतरण की जानकारी जैसे ही सामने आई पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया है और प्रशासन अब इस नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने में जुटा है। मंगलवार और बुधवार को योगी सरकार के आदेश पर छांगुर बाबा की बलरामपुर स्थित कोठी पर प्रशासन ने बुल्डोजर एक्शन लिया। प्रशासन ने इस कोठी के 40 कमरों वाले हिस्से को अवैध बताया।  यूपी एटीएस ने बताया कि छांगुर इसी कोठी में बैठकर धर्मांतरण का नेटवर्क चलाता था। छांगुर की ये कोठी उसकी गर्लफ्रेंड नीतू उर्फ नसरीन के नाम पर दर्ज है। अब उसकी गर्लफ्रेंड को लेकर लगातार एक के बाद एक करके कई सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं।


कौन है नीतू वोहरा उर्फ नसरीन?

जानकारी के मुताबिक, छांगुर बाबा की सबसे करीबी सहयोगी मानी जाने वाली नीतू नवीन वोहरा तमिलनाडु की रहने वाली है। उसकी शादी नवीन वोहरा से हुई थी, लेकिन शादी के बाद वह मां नहीं बन सकी। प्रेग्नेंसी में लगातार परेशानियों का सामना करने के दौरान, किसी तरह नवीन वोहरा का संपर्क बलरामपुर के छांगुर बाबा से हुआ। खुद को 'पीर' कहने वाला यह छांगुर बाबा जल्द ही इस दंपति के जीवन में गहराई से जुड़ गया, और यहीं से एक बड़े षड्यंत्र की शुरुआत हुई। छांगुर बाबा के प्रभाव में आकर नीतू वोहरा और उनके पति नवीन वोहरा ने अपना धर्म बदल लिया। धर्मांतरण के बाद नीतू वोहरा का नया नाम नसरीन रखा गया, जबकि नवीन वोहरा अब जमालुद्दीन के नाम से पहचाने जाने लगे।

नीतू को अपनी पत्नी की तरह रखता था छांगुर

नीतू और नवीन मुंबई से खास तौर पर बलरामपुर आए थे, ताकि छांगुर बाबा से मिल सकें। नीतू ने बाबा को बताया कि उसे प्रेग्नेंसी में दिक्कतें आ रही हैं और वह मानसिक रूप से भी परेशान है। यह सुनकर छांगुर बाबा ने उसे कुछ दवाइयां दीं और साथ ही एक अंगूठी भी दी, जिसे वह अपने 'चमत्कारी उपाय' का हिस्सा बताता था। बाबा की बातों और उसके दिए गए उपायों से नीतू और नवीन धीरे-धीरे उसके प्रभाव में आते चले गए। इसके बाद दोनों ने मुंबई और बलरामपुर के बीच कई चक्कर लगाए और हर बार बाबा से मिलने के लिए आते रहे। यहीं से उनकी छांगुर बाबा के साथ नजदीकी और साजिशों की शुरुआत हुई। धर्मांतरण के बाद छांगुर बाबा नसरीन के साथ रहने लगा और दोनों के संबंध पति-पत्नी जैसे हो गए। इसके बाद छांगुर, नसरीन और जमालुद्दीन (पहले नवीन वोहरा) ने मिलकर धर्मांतरण के पूरे रैकेट को विस्तार देना शुरू कर दिया। पूरे नेटवर्क को ये तीनों मिलकर चलाते थे। जमालुद्दीन गाड़ी चलाता था, जबकि पीछे की सीट पर छांगुर बाबा और नसरीन बैठकर रैकेट के संचालन की रणनीति बनाते थे। धर्मांतरण का यह संगठित खेल अब कानून के घेरे में आ चुका है। पुलिस ने न सिर्फ छांगुर बाबा, नसरीन और जमालुद्दीन को गिरफ़्तार किया है, बल्कि बाबा के बेटे को भी हिरासत में ले लिया गया है।
 

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धर्मांतरण के लिए हिन्दू लड़कियों रे रेट फिक्स थे

जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पता चला है कि छांगुर बाबा और उसके साथियों का निशाना गरीब और मज़दूर तबके की लड़कियों और उनके परिवार होते थे। ये लोग पहले उन्हें बहलाते-फुसलाते, फिर धर्मांतरण के लिए तैयार करते थे। हिंदू लड़कियों को इस्लाम अपनाने के लिए न केवल मानसिक रूप से प्रभावित किया जाता था, बल्कि उनके धर्मांतरण के बदले मोटी रकम भी दी जाती थी। जातियों के आधार पर अलग-अलग रकम तय थी। ओबीसी समुदाय की लड़कियों को इस्लाम कबूलने पर 10 से 12 लाख रुपये, जबकि सवर्ण जातियों जैसे सिख, ब्राह्मण और क्षत्रिय समुदाय की लड़कियों को 15 लाख रुपये तक दिए जाते थे। अन्य पिछड़ी जातियों की लड़कियों को 8 लाख रुपये तक की पेशकश की जाती थी। इस सोची-समझी साजिश के तहत धर्मांतरण को एक संगठित धंधे में बदल दिया गया था।

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Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 10 July 2025 at 15:13 IST