अपडेटेड 21 March 2025 at 21:54 IST
'लेडी मैकबेथ' से भी घाघ निकली मुस्कान... प्रेमी संग पति के किए टुकड़े, सीने में राज दफन कर 13 दिन तक मनाती रही रंगरेलियां
मेरठ हत्याकांड में पत्नी मुस्कान ने प्रेमी साहिल के साथ मिलकर पति सौरभ की हत्या कर दी और राज सीने में दफना 13 दिनों तक अपने प्रेमी के साथ रंगलरेलियां मनाती रही।
- भारत
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रवींद्र प्रताप सिंह
Meerut Murder Case: हमने अब तक 'लेडी मैकबेथ' के बारे में विलियम शेक्सपियर के ड्रामे में पढ़ा था। 'लेडी मैकबेथ' को ड्रामे की तीन चुड़ैलें जो भविष्यवाणियां करती थी उनसे भी ऊपर 'फोर्थ विच' (चौथी चुड़ैल) के नाम से जाना गया। क्योंकि पूरे ट्रैजिक ड्रामे की मास्टरमाइंड 'लेडी मैकबेथ' ही थी। उसकी अतिमहत्वाकांक्षा ने उसे इस हद तक पहुंचाया था। इसके बाद 30 जनवरी साल 2004 को रिलीज हुई फिल्म 'मकबूल' में बॉलीवुड एक्ट्रेस तब्बू ने 'लेडी मैकबेथ' के चरित्र को जीवंत परदे पर उतारा था। इस फिल्म में तब्बू ने ठीक उसी तरह के किरदार को निभाया था जैसा कि विलयम शेक्सपियर के 'मैकबेथ' ड्रामे में 'लेडी मैकबेथ' ने। अब मेरठ हत्याकांड में मुस्कान ने लेडी मैकबेथ को भी पीछे छोड़ते हुए दिखाई दी। आइए समझते हैं कैसे?
मैकबेथ स्कॉटलैंड के राजा डंकन का सेनापति होता है और 'लेडी मैकबेथ' मैकबेथ ने अपनी महात्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए किंग डंकन की अपने पति से ही हत्या करवा देती है। इस हत्या के बाद मैकबेथ और 'लेडी मैकबेथ'दोनों ही आत्मग्लानि से इतने दुखी होते हैं कि जब तक वो जिंदा रहते हैं तब तक किंग डंकन की हत्या के सदमे से उबर नहीं पाते हैं, लेकिन मुस्कान ने तो इस मामले में 'लेडी मैकबेथ' को भी पीछे छोड़ और भी आगे निकल गई। उसने अपने प्रेमी साहिल के साथ मिलकर अपने ही पति सौरभ की हत्या कर दी थी और हत्या के बाद लाश को ठिकाने लगाकर 13 दिनों तक अपने प्रेमी के साथ बिना किसी आत्मग्लानि की भावना के अलग-अलग जगहों पर रंगरेलियां मनाती रही।
विलयम शेक्सपियर की 'लेडी मैकबेथ' से भी घाघ निकली मुस्कान
अगर हमसे कोई छोटी-मोटी गलती भी हो जाती है तो हम उस पर पश्चाताप करते हैं ये मानवीय गुण है लेकिन मुस्कान ने तो शातिराना अंदाज में न सिर्फ प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति का कत्न कर दिया बल्कि इस राज को सीने में दफन कर अपने प्रेमी के साथ अगले 13 दिनों तक हिल स्टेशनों पर पर रंगरेलिया मनाती रही। पति की हत्या को अंजाम देकर मुस्कान ने अपने प्रेमी साहिल के साथ हिल स्टेशन जाने का फैसला किया। अगले 13 दिनों तक जब तक मुस्कान के पास पैसे खत्म नहीं हो गए तब तक उसने इतनी बड़ी वारदात के राज को छिपाकर अपने प्रेमी के साथ मौज मस्ती की। यही वजह उसे 'लेडी मैकबेथ' से भी ज्यादा घाघ बनाती है।
कैसा था विलियम शेक्सपियर की 'लेडी मैकबेथ' का चरित्र
'लेडी मैकबेथ' शेक्सपियर के ट्रैजिक ड्रामा 'मैकबेथ' में एक शक्तिशाली और महत्वाकांक्षी महिला है, जो अपने पति मैकबेथ को राजा डंकन की हत्या करने और खुद को राजा बनाने के लिए उकसाती है, लेकिन बाद में अपराधबोध और पागलपन से ग्रस्त हो जाती है। किंग डंकन की हत्या के बाद मैकबेथ राजा तो बन जाता है लेकिन अपराधबोध महसूस करते हुए उसे हमेशा किंग डंकन का भूत दिखाई देता है और वो बार-बार यही दोहराता है कि मैकबेथ और उसकी पत्नी ने मेरी हत्या कर दी। 'लेडी मैकबेथ' इस दौरान न सिर्फ मैकबेथ की मनोदशा को काबू में रखते हुए उसे कोई ऐसी गलती नहीं करने देती है कि जिससे किंग डंकन की हत्या का राज खुले। बल्कि वो खुद भी इसी परिस्थिति से गुजरते हुए अपने आप को भी बेहतरीन तरीके से मैनेज करती है। वो इतनी आत्मग्लानि में होती है कि रात को उठकर चलने लगती है। जाकर बार-बार अपने हाथ धोती है उसे ऐसा लगता है कि किंग डंकन का खून अभी भी उसके हाथों में लगा है। इतना ही नहीं वो महंगे अरेबियन सेंट से अपने हाथों को धोती है लेकिन फिर भी उसे अपने हाथों से खून की गंध आती है। इतने के बावजूद भी वो कहीं से ये जाहिर नहीं होने देती है कि उसने इतना बड़ा जघन्य अपराध किया है।
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फिल्म 'मकबूल' में तब्बू ने 'लेडी मैकबेथ' के पात्र को जीवंत परदे पर उतारा
संगीतकार से निर्देशक बने विशाल भारद्वाज की 'मकबूल' पहली फिल्म थी। इस फिल्म में मकबूल (इरफान खान) अब्बा जी (पंकज कपूर) नाम के माफिया का दाहिना हाथ होता है। उसकी रखैल होती है निम्मी (तब्बू) वो मकबूल से प्यार करती है और अपनी स्थितियों से खुश नहीं है। ऐसे में वो मकबूल को मोहरा बनाकर अब्बा जी की हत्या करवा देती है। फिल्म में निम्मी के प्रति अपने प्यार और सत्ता की महत्वाकांक्षा से प्रेरित होकर, मकबूल अब्बाजी की हत्या कर देता है और खुद को अपराध जगत का बादशाह घोषित कर दिया था। ये बात सबको पता होती है कि अब्बा जी की हत्या में मकबूल और निम्मी का हाथ है लेकिन ये कहने की हिम्मत किसी में नहीं होती है। मकबूल और निम्मी भी खुद को अपराधबोध में जीते हुए अपनी गलती पर आत्मग्लानि होती है। इसके बाद तब्बू ने इस फिल्म में अपने अभिनय का लोहा मनवाते हुए परदे पर 'लेडी मैकबेथ' के चरित्र को जीवंत कर दिया था।
मुस्कान ने तो 'लेडी मैकबेथ' और निम्मी को भी पीछे छोड़ दिया
कहानियों और फिल्मों में हमने ऐसा कैरेक्टर तो देखा था लेकिन मेरठ हत्याकांड के बाद हमने जीवन में असली 'लेडी मैकबेथ' और निम्मी को भी देख लिया। हालांकि ये कोई कहानी या सिनेमा नहीं बल्कि रियल लाइफ की बात है। ऐसे में कानून ने समय पर एक्शन लिया और मुस्कान और उसके प्रेमी को इस जघन्य अपराध के बाद गिरफ्तार कर लिया। अब गिरफ्तारी के बाद इस हत्या के पीछे असली वजह को लेकर परत दर परत सच्चाई सामने आने लगी है। मुस्कान और उसका प्रेमी साहिल जब हिल स्टेशन पर मौज मस्ती कर रहे थे तब मुस्कान ने सौरभ का फोन अपने पास रख लिया था और व्हाट्सएप चैट पर सभी मैसेज के रिप्लाई खुद ही किया करती थी। ऐसे में सौरभ के घरवालों को अगले 13 दिनों तक इस बात भनक भी नहीं लगी की सौरभ की हत्या हो चुकी है और इतना बड़ा राज लेकर प्रेमी के साथ हिल स्टेशनों पर गुलछर्रे उड़ाती रही।
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क्या था मेरठ हत्याकांड?
मेरठ में पिछले दिनों एक हत्याकांड का खुलासा हुआ जिसमें एक पत्नी (मुस्कान) ने अपने प्रेमी (साहिल) के साथ मिलकर अपने पति (सौरभ राजपूत) की हत्या कर दी थी। हत्या के बाद सौरभ के शव को टुकड़ों में काटकर मुस्कान और साहिल ने एक प्लास्टिक के ड्रम में भर कर उसमें सीमेंट का घोल भर दिया था। जब पुलिस ने जांच में उस ड्रम को ड्रिल मशीन से तोड़ा तो सच्चाई सबके सामने आ गई। इस कहानी में दुनिया का कोई भी पैमाना मुस्कान की बेवफाई को नहीं माप सकता है। साल 2015 में मुस्कान और सौरभ की मुलाकात हुई और साल 2016 में दोनों शादी कर ली। सौरभ का परिवार इस शादी के खिलाफ था जिसकी वजह से सौरभ ने घर से अलग होकर किराए के मकान लिया और मुस्कान के साथ रहने लगा। इतना प्यार करने वाला पति भी धोखा खा जाएगा ये शायद ही किसी ने सोचा हो। इस हत्याकांड ने पूरे मेरठ को हिलाकर रख दिया है।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 21 March 2025 at 16:50 IST