Published 19:28 IST, October 21st 2024
बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद बदले की आग में जल रहे बेटे जीशान या निकल रही आह? कहा-तुम कहां जाओगे...
पिता बाबा सिद्दीकी की मौत के गम में डूबे जीशान सिद्दीकी सोशल मीडिया के एक्स प्लेटफार्म पर सक्रिय हैं और लगातार अपने पिता की याद में कुछ न कुछ पोस्ट कर रहे हैं।
Zeeshan Siddiqui: 12 अक्टूबर शनिवार को मुंबई में एनसीपी नेता और बॉलीवुड पर अपनी पकड़ रखने वाले नेता बाबा सिद्दीकी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली है। दरअसल हत्या का प्लान तो बाबा सिद्दीकी के साथ उनके बेटे जीशान सिद्दीकी का भी था लेकिन उसी समय जीशान एक कॉल रिसीव करने के लिए वापस ऑफिस में जले गए और इस बीच हत्यारों ने बाबा सिद्दीकी को एक के बाद एक करके 3 गोलियां मारी। उन्हें इलाज के लिए मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती करवाया गया लेकिन थोड़ी ही देर में उनकी मौत हो गई थी। अब अपने पिता की मौत के बाद जीशान सिद्दीकी बदले की आग में धधक रहे हैं या उनकी आहें निकल रही हैं?
पिता बाबा सिद्दीकी की मौत के गम में डूबे जीशान सिद्दीकी सोशल मीडिया के एक्स प्लेटफार्म पर सक्रिय हैं और लगातार अपने पिता बाबा सिद्दीकी की याद में कुछ न कुछ पोस्ट डाल रहे हैं। उन्होंने अभी ताजा पोस्ट में लिखा है, "हम तो दरिया हैं, समुंदर में मिल जाएंगे, तुम कहां जाओगे दुनिया में अंधेरा करके।" जीशान सिद्दीकी ने ये पोस्ट शाम को 6 बजकर 25 मिनट पर डाली थी और महज 45 मिनट में खबर लिखे जाने तक उनकी इस पोस्ट को 1300 लोगों ने लाइक कर दिया। वहीं जीशान की इस पोस्ट पर 69 कमेंट और 184 लोग इसे रीपोस्ट कर चुके थे।
मेरे पिता एक शेर थे और उनकी दहाड़ मैं अपने भीतर रखता हूंः जीशान
एनसीपी नेता बाबा सिद्दिकी के बेटे जीशान सिद्दीकी ने रविवार को कहा कि उनके पिता के हत्यारों ने उन पर नज़र गड़ा दी लेकिन उन्हें डराया नहीं जा सकता।
बाबा सिद्दिकी की पिछले दिनों गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। जीशान ने अपने सोशल मीडिया के एक्स प्लेटफार्म पर कहा, 'उन्होंने हमेशा के लिए मेरे पिता का मुंह बंद कर दिया। लेकिन वे भूल गए - वह एक शेर थे और मैं उनकी दहाड़ को अपने भीतर रखता हूं, उनकी लड़ाई मेरी रगों में है। वह न्याय के लिए खड़े हुए, बदलाव के लिए लड़े और अडिग साहस के साथ तूफानों का सामना किया।'
ये लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई...
उन्होंने कहा, 'जिन्होंने उन्हें मारा, वे अब यह मानकर मेरी ओर देख रहे हैं कि वे जीत गए हैं, मैं उनसे कहता हूं: मेरी रगों में शेर का खून दौड़ता है। मैं अब भी यहां निडर और अडिग हूं। उन्होंने एक को मार डाला, लेकिन मैं उनकी जगह पर खड़ा हूं। यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। आज, मैं वहीं खड़ा हूं जहां वह खड़े थे: जीवित, अथक और तैयार। पूर्वी बांद्रा के मेरे लोगों के लिए, मैं हमेशा आपके साथ हूं।'
Updated 19:38 IST, October 21st 2024