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Published 23:08 IST, September 3rd 2024

गुवाहाटी में लोगों के बैंक खाते खोलकर ठगी करने वाले साइबर अपराधियों के गिरोह का भंडाफोड़: पुलिस

साइबर क्राइम मामले की जांच में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें मुख्य रूप से गिरोह के 'एजेंट' शामिल हैं।

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गुवाहाटी में लोगों के बैंक खाते खोलकर ठगी करने वाले साइबर अपराधियों के गिरोह का भंडाफोड़ | Image: Pixabay

असम के गुवाहाटी में लोगों के नाम से बैंक खाते खुलवाकर ठगी करने वाले साइबर अपराधियों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है। असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।अधिकारी ने बताया कि इन खातों को बाद में अवैध लेनदेन के लिए राज्य के बाहर बैठे आरोपियों के सहयोगी संचालित करते थे। अधिकारी ने बताया कि गुवाहाटी में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है और इस गिरोह में विभिन्न राज्यों के अलावा विदेशों, खासकर दुबई के लोग भी शामिल हैं।

गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दिगंत बराह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "इस वर्ष की शुरुआत में गुवाहाटी के एक निवासी ने शिकायत दर्ज करायी थी, जिसमें दावा किया गया था कि एक परिचित ने उससे उसका बैंक खाता खुलवाया था, लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी उसे चेक बुक और पासबुक नहीं मिली।" उन्होंने बताया कि मामले की जांच में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें मुख्य रूप से गिरोह के 'एजेंट' शामिल हैं, तथा शहर के हाटीगांव इलाके में एक किराये के 'फ्लैट' से विभिन्न वस्तुएं जब्त की गईं।

उन्होंने बताया कि जब्त की गई वस्तुओं में 44 चेक बुक, 12 बैंक पासबुक, 49 एटीएम कार्ड, संयुक्त अरब अमीरात और थाईलैंड की सात विदेशी मुद्रा, सात यूपीआई स्कैनर और एक अंतरराष्ट्रीय 'ड्राइविंग परमिट' शामिल हैं। उन्होंने कहा, "लोगों को ऐसे धोखाधड़ी के प्रति सतर्क और जागरूक रहना चाहिए। हम लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे उचित सत्यापन के बिना कोई भुगतान न करें।"

बराह ने कहा कि साइबर अपराधी गिरोहों को टेलीफोन या इंटरनेट पर विभिन्न घोटालों के माध्यम से नागरिकों को ठगकर अर्जित धन के लेन-देन के लिए कई बैंक खातों की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा, "ये गिरोह अपने स्वयं के बैंक खातों का उपयोग नहीं करते हैं क्योंकि इससे जांच एजेंसियों को सुराग मिल जाएगा, जो साइबर अपराधियों तक ले जाएगा।"

उन्होंने कहा, "साइबर गिरोहों ने वास्तविक दस्तावेज वाले व्यक्तियों के नाम पर बैंक खाते खोलने के लिए एजेंट नियुक्त करने शुरू किये और इन खातों को साइबर अपराधियों द्वारा साइबर अपराध के माध्यम से पैसा कमाने के लिए संचालित किया जाता है।" उन्होंने बताया कि पिछले साल सितंबर में शहर के साइबर पुलिस थाने के शुरू होने के बाद से अब तक 606 मामले दर्ज किए गए हैं। बराह ने बताया, "शिकायतकर्ताओं ने इन मामलों में कुल 35.51 करोड़ रुपये के नुकसान की शिकायत की है। हमने केवल 2.55 करोड़ रुपये ही बरामद किये हैं।"

Updated 23:08 IST, September 3rd 2024