अपडेटेड 10 January 2024 at 14:46 IST
Goa: गला ऐसे दबाया..तरस भी न आया, 4 साल के बच्चे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कातिल मां की क्रूरता
Goa Murder Case:हिरियूर तालुक अस्पताल के डॉ. कुमार नाइक ने बताया, ‘‘बच्चे की मौत गला दबाकर की गई। ऐसा लग रहा है कि तकिया या किसी अन्य चीज का इस्तेमाल किया गया।"
- भारत
- 2 min read

Suchna Seth Case: अपने ही चार साल के बच्चे को मौत के घाट उतारने की आरोपी बेंगलुरु के एक स्टार्टअप की सीईओ सूचना सेठ ने मां-बेटे के रिश्ते को कलंकित कर दिया। चार साल के बच्चे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई है। इसमें ऐसे खुलासे हुए हैं जो आपकी रूह कंपा देगी। रिपोर्ट में सामने आया है कि बच्चे की हत्या गला दबाकर की गई। गला भी ऐसा दबाया कि बच्चे के चेहरे की नशे साफ-साफ दिखने लगी।
बेंगलुरु में अंतिम संस्कार
बता दें कि बच्चे के शव को बुधवार, 10 जनवरी को चित्रदुर्ग से बेंगलुरु लाया गया, जहां राजाजी नगर में आज दिन में बच्चे का अंतिम संस्कार किया जाएगा। बच्चे के पिता वेंकट रमन शव को लेकर यहां एक घर में पहुंचे, जहां शुरुआती क्रिया-क्रम किया गया और अंतिम संस्कार हरिश्चंद्र घाट पर होगा। मूलरूप से केरल निवासी रमन इन दिनों इंडोनेशिया में रह रहे हैं और मंगलवार रात वह चित्रदुर्ग के हिरियुर पहुंचे। पोस्टमार्टम के बाद शव उन्हें सौंप दिया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार बच्चे की हत्या गला दबाकर की गई थी।
डॉक्टर ने क्या जानकारी दी
हिरियूर तालुक अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. कुमार नाइक ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘बच्चे की मौत गला दबाकर की गई। ऐसा लग रहा है कि तकिया या किसी अन्य चीज का इस्तेमाल किया गया है। ऐसा नहीं लगता कि हाथों से गला घोंटा गया....।’’ नाइक ने बताया कि बच्चे के शरीर से खून निकलने या फिर संघर्ष के निशान नहीं मिले हैं। आरोपी सूचना सेठ ने अपने चार वर्षीय बेटे की कथित तौर पर गोवा में हत्या कर दी और फिर उसके शव को बैग में भरकर टैक्सी से पड़ोसी राज्य कर्नाटक चली गई, जहां से उन्हें सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
सेठ ‘द माइंडफुल एआई लैब’ की सीईओ है और ‘लिंक्डइन’ पर उनके पेज के अनुसार वह कृत्रिम मेधा (एआई) एथिक्स विशेषज्ञ और डेटा वैज्ञानिक हैं। उनके पेज पर मिली जानकारी के अनुसार, ‘‘वह एआई एथिक्स सूची में 100 प्रतिभाशाली महिलाओं में शामिल रही हैं। वह डेटा एंड सोसाइटी में मोजिला फेलो, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के बर्कमैन क्लेन सेंटर और रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट में शोधकर्ता रह चुकी हैं। उनके पास प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण में पेटेंट भी है।’’ उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर किया था।
Advertisement
(भाषा इनपुट के साथ)
इसे भी पढ़ें: 'कारसेवकों पर गोलियां चलवा कर सपा ने सही...', स्वामी प्रसाद मौर्य ने फिर दिया विवादित बयान
Advertisement
Published By : Arpit Mishra
पब्लिश्ड 10 January 2024 at 14:19 IST