अपडेटेड 28 June 2025 at 00:42 IST
Lawrence Bishnoi Vs Goldy Brar : लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ की दोस्ती कभी इतनी पक्की थी कि दोनों एक-दूसरे पर मर मिटने को तैयार थे, लेकिन अब यही दोनों दोस्त एक दूसरे के जानी दुश्मन बन गए हैं। हरियाणा और पंजाब ही नहीं दिल्ली और राजस्थान में भी दोनों गैंग की हलचल तेज हो गई है। आशंका जताई जा रही है कि पंजाब में एक बार फिर लंबे समय बाद गैंगवार देखने को मिल सकता है।
एक वक्त था जब लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ एक ही गैंग का हिस्सा थे, आरोप है कि दोनों ने सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस से लेकर कई हाई प्रोफाइल हत्याओं को साथ मिलकर अंजाम दिया। लॉरेंस और गोल्डी अब अलग-अलग गैंग ऑपरेट कर रहे हैं। दोनों ही गैंग अपने-अपने नए शूटर्स की भर्ती में जुट गए हैं। लॉरेंस आपराधिक बैकग्राउंड वाले युवाओं को टारगेट कर रहा है और गोल्डी वर्चुअल इंटरव्यू से लड़कों को शामिल कर रहा है।
इस टूटती दोस्ती का ऑडियो भी सामने आया है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि ये गोल्डी बराड़ की ऑडियो हो सकती है। जिसमें वो लॉरेंस के सगे भाई अनमोल बिश्नोई से अलग होने की बात कर रहा। लॉरेंस फिलहाल साबरमती जेल में बंद है, वो जेल से ही गैंग ऑपरेट कर रहा है। लेकिन हाल ही में कई बड़ी वारदातों को अंजाम देने के बाद, उसने सोशल मीडिया पोस्ट पर कभी भी गोल्डी के नाम का जिक्र नहीं किया। जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि दोनों की दोस्ती में अब दरार पड़ चुकी है। वहीं अमेरिका में बैठा गैंगस्टर रोहित गोदारा, जो कभी गोल्डी बराड़ के साथ ही लॉरेंस और अनमोल का खास था। अब उसका रास्ता भी अनमोल और लॉरेंस बिश्नोई से अलग हो गया है।
आशंका जताई जा रही है कि दोनों गैंग एक-दूसरे पर हमला करने की कोई बड़ी साजिश प्लान कर रहे हैं। ताकि वो अपने गैंग का वर्चस्व बढ़ा सकें। ये अंदेशा दिल्ली पुलिस को भी है। यही वजह है कि गैंगस्टर पर लगातार नकेल कसी जा रही है। क्योंकि जब गैंग बंटते हैं तो सबसे पहले शूटर्स और वफादार लोग बांटे जाते हैं। ये बहुत खतरनाक फेज होता है, क्योंकि दोनों पक्ष एक-दूसरे को नीचा दिखाने के लिए 'ब्लड प्रूफ' करना चाहते हैं। यानी खून बहाकर अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं। पुलिस को अगले कुछ हफ्ते बहुत सर्तक रहना होगा।
NIA के मुताबिक लॉरेंस बिश्नोई गैंग में करीब 700 शूटर हैं, लॉरेंस दाऊद इब्राहिम की तरह अपने नेटवर्क को बढ़ा रहा है। एक तरफ कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई है, तो दूसरी तरफ गोल्डी बराड़ है और बीच में फंसी है देश की पुलिस। ऐसे में देखना ये है कि कानून-व्यवस्था पर गैंगस्टर्स भारी पड़ते हैं या पुलिस इन दोनों का सफाया करती है?
पब्लिश्ड 28 June 2025 at 00:42 IST