अपडेटेड 22 April 2024 at 16:13 IST

पूर्व IAS अधिकारी प्रदीप शर्मा की जमानत याचिका, सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से जवाब मांगा

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया और चार सप्ताह में जवाब देने को कहा।

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 Supreme Court
Supreme Court | Image: PTI/File

उच्चतम न्यायालय ने कच्छ जिलाधिकारी के तौर पर कार्यकाल के दौरान मौद्रिक लाभ के लिए सरकारी भूमि के कथित अवैध आवंटन के मामले में आरोपी सेवानिवृत्त आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी प्रदीप शर्मा की जमानत याचिका पर सोमवार को गुजरात सरकार से जवाब मांगा।

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया और चार सप्ताह में जवाब देने को कहा।

शर्मा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने कहा, ‘‘मैं राज्य का सामान्य फरियादी व्यक्ति हूं, जो मामले में राहत का अनुरोध कर रहा है।’’

पीठ ने कहा, ‘‘ठीक है, हम नोटिस जारी कर रहे हैं।’’

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शर्मा ने मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज करने के गुजराज उच्च न्यायालय के आदेश को 20 मार्च को चुनौती दी थी। अदालत ने कहा था कि वह इस तथ्य को देखते हुए शर्मा को जमानत देने की इच्छुक नहीं है कि उनके खिलाफ इसी तरह के अपराधों में कई प्राथमिकी दर्ज हैं।

शर्मा के खिलाफ कच्छ में राज्य आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने आपराधिक विश्वासघात, कानून के निर्देशों का पालन करने में लोकसेवक की अवज्ञा एवं आपराधिक साजिश संबंधी भारतीय दंड संहिता की प्रासंगिक धाराओं और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। भूमि आवंटन मामले में शर्मा न्यायिक हिरासत में हैं। यह मामला सीआईडी (अपराध) ने पिछले साल सितंबर में कच्छ जिले के भुज में दर्ज किया था।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 22 April 2024 at 16:13 IST