अपडेटेड 10 July 2024 at 15:13 IST
न्यायालय ने अपहरण मामले में भवानी रेवन्ना को मिली अग्रिम जमानत रद्द करने से इनकार किया
उच्चतम न्यायालय ने जनता दल (सेक्यूलर) के पूर्व सांसद और दुष्कर्म के आरोपी प्रज्ज्वल रेवन्ना की मां भवानी रेवन्ना को अपहरण के एक मामले में दी अग्रिम जमानत रद्द क
- भारत
- 2 min read

उच्चतम न्यायालय ने जनता दल (सेक्यूलर) के पूर्व सांसद और दुष्कर्म के आरोपी प्रज्ज्वल रेवन्ना की मां भवानी रेवन्ना को अपहरण के एक मामले में दी अग्रिम जमानत रद्द करने से बुधवार को इनकार कर दिया।
यह उनके बेटे के कथित यौन शोषण की पीड़िताओं में से एक के अपहरण का मामला है।
न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली कर्नाटक सरकार की अपील पर भवानी रेवन्ना को नोटिस जारी किया।
पीठ ने कर्नाटक सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से कहा, ‘‘आरोपी एक महिला है जिसकी उम्र 55 वर्ष है। उनके बेटे पर घिनौने कामों में शामिल होने के गंभीर आरोप हैं। वह भाग गया था और आखिरकार उसे पकड़ लिया गया।’’
Advertisement
उसने कहा, ‘‘इस तरह के आरोपों के मामले में अपने बेटे द्वारा किए अपराधों को बढ़ावा देने में मां की क्या भूमिका होगी?’’
सिब्बल ने कहा कि भवानी रेवन्ना को दी गयी राहत ‘‘बेहद दुखद’’ है और परिवार के इशारे पर ही पीड़िता को बंधक बनाकर रखा गया था।
Advertisement
इस पर पीठ ने कहा, ‘‘ऐसा कुछ नहीं है...इस मामले का राजनीतिकरण न करें।’’
उच्च न्यायालय ने 18 जून को भवानी रेवन्ना को अग्रिम जमानत देते हुए कहा था कि उन्होंने पूछताछ के दौरान 85 सवालों के जवाब दिए हैं जिससे यह दावा करना उचित नहीं है कि वह एसआईटी के साथ सहयोग नहीं कर रही हैं। एसआईटी उनके बेटे के खिलाफ यौन शोषण के मामलों की जांच कर रही है।
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 10 July 2024 at 15:13 IST