अपडेटेड 1 May 2024 at 13:31 IST
कोविशील्ड-एस्ट्राजेनेका कोरोना वैक्सीन को लेकर खटखटाया SC का दरवाजा, साइड इफेक्ट की जांच की मांग
कोविशील्ड एस्ट्राजेनेका कोरोना को लेकर उठ रहे सवालों के बीच सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई।

Covishield Astrazeneca: कोविशील्ड-एस्ट्राजेनेका कोरोना वैक्सीन को लेकर ब्रिटेन में खड़े किए गए सवालों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया गया है। सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जांच की मांग की है।
याचिकाकर्ता ने अपील की है कि दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के विशेषज्ञ डॉक्टरों के पैनल से इसके साइड इफेक्ट्स की जांच कराने का निर्देश दिया जाए। इसके साथ मांग ये भी है कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज विशेषज्ञ डॉक्टरों के पैनल की निगरानी करे।
क्या कहती है याचिका?
याचिका में मुआवजे की दरख्वास्त की गई है। मांग की गई है कि कोविड 19 के दौरान टीकाकरण अभियान की वजह से गंभीर रूप से विकलांग या जिनकी मौत हुई है उन लोगों के लिए या उनके परिजनों को मुआवजा दिया जाए। बता दें , भारत के सीरम इंस्टीट्यूट ने एस्ट्राजेनेका के फॉर्मूले से ही कोविशील्ड वैक्सीन को मैन्युफैक्चर किया था। ब्रिटिश मीडिया के अनुसार, कंपनी के खिलाफ 51 मुकदमे चल रहे हैं। दर्जनों मामले ऐसे हैं जिनमें आरोप लगाया है कि टीके की वजह से कई जानें गई हैं और कई लोग गंभीर रूप से बीमार पड़े हैं।
ब्रिटेन में उठाए गए सवाल
कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड को लेकर ब्रिटिश अदालत में मामला चला। यहां एस्ट्राजेनेका ने पहली बार अदालती दस्तावेजों में स्वीकार किया कि उसके कोविड-19 टीके से TTS जैसे दुर्लभ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) शरीर में खून के थक्के और कम प्लेटलेट काउंट का कारण बनती है।
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कंपनी ने कहा क्या?
यूके मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड वैक्सीन ग्लोबल स्तर पर कोविशील्ड और वैक्सजेवरिया ब्रांड नामों के तहत बेची गई थी। यूके हाई कोर्ट को सौंपे गए कानूनी दस्तावेजों में एस्ट्राजेनेका ने माना कि उसका टीका बहुत ही दुर्लभ मामलों में टीटीएस का कारण बन सकता है। आपको बता दें कि फार्मास्युटिकल कंपनी को क्लास-एक्शन मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के सहयोग से विकसित उसके टीके से गंभीर साइड इफेक्ट्स और मौतों का आरोप लगाया गया है। जेमी स्कॉट नाम के एक शख्स ने इस मामले में केस किया था, जो अप्रैल 2021 में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन लेने के बाद ब्रेन डेमेज का शिकार हुए थे।
यूके में बैन वैक्सीन
यूके मीडिया ने लिखा कि सुरक्षा चिंताओं के कारण एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड वैक्सीन अब यूके में नहीं दी जाती है। जैसे-जैसे कानूनी कार्यवाही सामने आ रही है, इससे प्रभावित व्यक्ति और उनके परिवार टीके से होने वाले साइड इफेक्ट्स के लिए उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं। आपको बता दें कि एस्ट्राजेनेका ने 2024 की पहली तिमाही में अपना राजस्व 10 बिलियन पाउंड से अधिक बताया है।
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Published By : Kiran Rai
पब्लिश्ड 1 May 2024 at 13:31 IST