अपडेटेड 13 December 2024 at 20:14 IST

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का निर्माण तीन महीने में पूरा हो जाएगा: नितिन गडकरी

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे का निर्माण अगले तीन महीनों में पूरा हो जाएगा।

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Delhi-Dehradun Expressway: 213-Km Stretch to Curtail Travel Time Between 2 Cities | Key Points
दिल्ली टू देहरादून एक्सप्रेस-वे | Image: PTI

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे का निर्माण अगले तीन महीनों में पूरा हो जाएगा। इससे दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय घटकर दो घंटे रह जाने की उम्मीद है, जो फिलहाल पांच से छह घंटे है।

गडकरी ने ‘टाइम्स नेटवर्क इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव-2024’ को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का निर्माण दो महीने के भीतर पूरा होने की उम्मीद है।

एक्सप्रेस-वे के पूरा होने से दोनों महानगरों के बीच यात्रा का समय मौजूदा 24 घंटे से घटकर 12 घंटे रह जाने की उम्मीद है।

मंत्री ने कहा कि दिल्ली-देहरादून राजमार्ग परियोजना के दो पैकेज हैं।

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गडकरी ने कहा, “दिल्ली के कालिंदी कुंज के लिए 10,000 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी गई है, जो फरीदाबाद तक विस्तारित होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगले 15-20 दिनों के भीतर इस परियोजना का उद्घाटन करने वाले हैं।”

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार वायु प्रदूषण को कम करने, जीवाश्म ईंधन (कोयला, कच्चा तेल) के आयात को कम करने और कृषि आय बढ़ाने के लिए काम कर रही है।

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गडकरी ने कहा, “परिवहन मंत्रालय वायु प्रदूषण के 40 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है... जबकि प्रदूषण का एक बड़ा हिस्सा पड़ोसी राज्यों- पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के कारण है। सड़क निर्माण और जीवाश्म ईंधन भी वार्षिक समस्या को बढ़ाने में योगदान देते हैं।”

मंत्री ने कहा कि पराली जलाने की समस्या दो साल में हल हो जाएगी क्योंकि सरकार 400 परियोजनाओं पर काम कर रही है जो हर साल दो करोड़ टन चावल के भूसे को वैकल्पिक ईंधन में परिवर्तित करेगी।

गडकरी ने कहा कि उनका मंत्रालय 36 हरित एक्सप्रेस हाईवे पर काम कर रहा है, जिससे देश में लॉजिस्टिक लागत को कम करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा, “भारत की लॉजिस्टिक लागत 14-16 प्रतिशत है, जबकि चीन में यह आठ प्रतिशत और अमेरिका तथा यूरोपीय संघ (ईयू) में 12 प्रतिशत है। हमारा लक्ष्य इसे दो वर्षों में घटाकर नौ प्रतिशत पर लाना है।”

मंत्री ने कहा कि इससे भारत का निर्यात 1.5 गुना बढ़ जाएगा और हमें अधिक प्रतिस्पर्धी बनने में मदद मिलेगी।

भारत में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या के बारे में गडकरी ने कहा कि इनसे होने वाली मौतों के मामले में भारत दुनिया में पहले स्थान पर है। यहां हर साल पांच लाख दुर्घटनाओं में 1,78,000 मौतें होती हैं। इसका कारण खराब सड़कें, कानून का खराब क्रियान्वयन और शिक्षा व जागरूकता की कमी है।

गडकरी ने स्वीकार किया, “पिछले 10 वर्षों में कड़ी मेहनत के बावजूद हम देश में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में सफल नहीं हुए हैं।”

मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर सभी ‘ब्लैक स्पॉट’ (दुर्घटना संभावित क्षेत्रों) को सुधारने, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के लिए बोली मानदंडों में बदलाव करने संबंधी उनके मंत्रालय के हाल के कदमों से देश में दुर्घटनाओं की संख्या कम करने में मदद मिलेगी।

Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 13 December 2024 at 20:14 IST