अपडेटेड 17 November 2023 at 19:44 IST

Uttarkashi: टनल रेस्क्यू में लगी टीम की बढ़ी उम्मीदें, अब सीएम धामी ने दिया बड़ा अपडेट

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी टनल हादसे का अपडेट देते हुए बताया कि इंजीनियर और वैज्ञानिक हर कोई काम कर रहा है।

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Chief Minister Pushkar Singh Dhami and Drilling Machine 
Image: ANI/PTI
Chief Minister Pushkar Singh Dhami and Drilling Machine Image: ANI/PTI | Image: self

Uttarakhand के उत्तरकाशी में रविवार, 12 नवंबर को टनल के अंदर 40 मजदूर फंसे हुए हैं। इस टनल में करीब 6 दिन से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। लेकिन अभी तक कोई भी मजदूर सुरक्षित बाहर नहीं निकाला जा सका। इस रेस्क्यू ऑपरेशन पर सीएम धामी अपनी नजर बनाए हुए हैं। इसको लेकर उन्होंने अपडेट दिया है कि पीएम मोदी भी इसपर पल-पल की अपडेट ले रहे हैं।

खबर में आगे पढ़ें... 

  • सीएम धामी ने टनल रेस्क्यू का दिया अपडेट 
  • पीएम मोदी से भी लगातार हो रही बात: धामी 
  • 25 मीटर तक पूरा हुआ ड्रिलिंग का कार्य  

रेस्क्यू ऑपरेशन में जिस ड्रीलिंग मशीन का इस्तेमाल हो रहा है, उसको लेकर रेस्क्यू कर रही टीम की उम्मीदें बढ़ गई हैं। इसके लिए अमेरिकी ऑगर मशीन का इस्तेमाल हो रहा है, उसने 25 मीटर तक ड्रील कर लिया है। ड्रीलिंग मशीन बिना बाधा के काम लगी है। वहीं इसके लिए एक और ऑगर मशीन बैकअप के लिए इंदौर से मंगवाई गई है। टनल के अंदर फंसे हुए मजदूरों को जल्द से जल्द बाहर निकालने की कोशिश जारी है।

मुख्यमंत्री धामी ने दिया टनल पर अपडेट 

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी टनल हादसे का अपडेट देते हुए बताया कि इंजीनियर और वैज्ञानिक हर कोई काम कर रहा है। पाइप लगभग 25 मीटर की दूरी तक डाला दिया गया है। सीएम धामी ने आगे बताया कि काम बहुत तेजी से चल रहा है और मजदूरों को निकालने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने ये भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी धामी से डायरेक्ट हर एक बारीकी पर डिटेल्स मांगी और उन्हें यह आश्वासन दिलाया की केंद्र की ओर से उन्हें हर एक संभव मदद मिलेगी। 

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25 मीटर तक ड्रिलिंग पूरी हो चुकी है 

NHIDCL के निदेशक अंशू मनीष खलखो ने कहा "हम 24 मीटर अंदर तक पहुंच गए हैं जो एक अच्छी स्थिति है। हम जल्द से जल्द दूसरे छोर तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए हम इंदौर से एक और मशीन ले रहे हैं जो कि 18 नवंबर की सुबह तक यहां पहुंच जाएगी।"   

फंसे हुए श्रमिकों तक पहुंचने के लिए उन्हें अनुमानित 60 मीटर की दूरी तय करनी पड़ी। बचावकर्मियों ने दिल्ली से लाई गई एक नई बरमा ड्रिल मशीन का उपयोग करके रात भर काम किया और मलबे के माध्यम से 25 मीटर की गहराई तक ड्रिल करने में कामयाब रहे। इसके बाद मशीन एक धातु के हिस्से से टकरा गई।

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गैस कटर का भी हो रहा है इस्तेमाल 

अधिकारियों ने कहा कि गैस कटर का उपयोग करके इसे काटने का प्रयास किया जा रहा है और ड्रिलिंग कार्य फिलहाल रोक दिया गया है। बचाव दल सुरंग से बाहर निकलने का रास्ता बनाने के लिए 800 मीटर और 900 मीटर स्टील पाइप डालकर फंसे हुए श्रमिकों को निकालने की उम्मीद कर रहे हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के कर्मी, जो घटनास्थल पर हैं, ने "900 मिमी चौड़े स्टील पाइप के माध्यम से बाहर निकलने की मॉक ड्रिल भी प्रैक्टिस की है। 

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Published By : Ujjwal Kumar Chaudhary

पब्लिश्ड 17 November 2023 at 19:38 IST