अपडेटेड 10 February 2025 at 23:10 IST

Chhattisgarh Nikay Chunav: छत्तीसगढ़ में 173 नगर निकायों के लिए वोटिंग कल, 15 को आएंगे नतीजे

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में मंगलवार को 10 नगर निगमों, 49 नगर पालिका परिषदों और 114 नगर पंचायतों सहित 173 नगर निकायों के लिए मतदान होगा।

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Voting | Image: PTI/ Representative

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में मंगलवार को 10 नगर निगमों, 49 नगर पालिका परिषदों और 114 नगर पंचायतों सहित 173 नगर निकायों के लिए मतदान होगा।

पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव के बाद, राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस एक बार फिर चुनावी मैदान में आमने-सामने है। छत्तीसगढ़ निर्वाचन आयोग के मुताबिक, राज्य में नगर निकायों के चुनाव के साथ ही सुकमा और दुर्ग नगर निकायों के पांच वार्डों के उपचुनाव के लिए भी मतदान होगा।

निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने सोमवार को कहा, ''173 नगर निकायों में चुनाव और चार नगर निकायों के पांच वार्डों में उपचुनाव के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई है। कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान दल अपने गंतव्य पर पहुंचने लगे हैं।''

उन्होंने बताया कि मतदान सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक होगा। नगर निकायों के चुनाव और उपचुनाव में भाग ले रहे 10 हजार से अधिक उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला कुल 44,90,360 मतदाता करेंगे, जिनमें 22,08,625 पुरुष, 22,81,226 महिलाएं और 509 ‘थर्ड जेंडर’ मतदाता शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि नगर निकायों के चुनाव के लिए कुल 5,970 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें 1,531 संवेदनशील और 132 अति संवेदनशील मतदान केंद्र घोषित किए गए हैं। इसी तरह पांच वार्डों के उपचुनाव के लिए 22 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।

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उन्होंने बताया कि निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि बसना नगर पंचायत के अध्यक्ष और विभिन्न नगर निकायों के 32 पार्षद निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं, क्योंकि वहां कोई अन्य उम्मीदवार नहीं था। नगर निकाय चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है, लेकिन बड़ी संख्या में निर्दलीय और बागी उम्मीदवार दोनों पार्टी के उम्मीदवारों के लिए बड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं। बागी उम्मीदवार नगरीय निकाय चुनाव में समीकरण बदलने की क्षमता रखते हैं। नगरीय निकाय चुनाव की मतगणना 15 फरवरी को होगी।

राज्य के प्रतिष्ठित रायपुर नगर निगम में महापौर पद के लिए भाजपा ने पार्षद और रायपुर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने पूर्व महापौर प्रमोद दुबे की पत्नी दीप्ति दुबे पर भरोसा जताया है। चौबे और दुबे के मध्य सीधे मुकाबले की संभावना जताई जा रही है।

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वहीं, राजनांदगांव नगर निगम में महापौर पद के लिए भाजपा ने पूर्व सांसद मधुसूदन यादव को तथा कांग्रेस ने निखिल द्विवेदी को अपना उम्मीदवार बनाया है। राज्य के उत्तर क्षेत्र के अंबिकापुर नगर निगम में महापौर पद के लिए दो बार के महापौर रहे कांग्रेस के डॉ. अजय तिर्की का मुकाबला भाजपा की मंजूषा भगत से होगा। राज्य के दोनों प्रमुख दलों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए तीन सप्ताह तक व्यापक प्रचार किया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भाजपा के लिए अभियान का नेतृत्व किया। उन्होंने अपने पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में राज्य के प्रमुख नगरीय निकायों में जनसभा की और रोड शो किया।

साय ने इस दौरान 'ट्रिपल-इंजन' सरकार (केंद्र, राज्य और स्थानीय निकायों में भाजपा शासन) के लिए वोट मांगे। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व उपमुख्यमंत्री टी एस सिंह देव और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता चरण दास महंत ने कांग्रेस के अभियान का नेतृत्व किया। नगरीय निकाय चुनावों के लिए भाजपा के घोषणापत्र में 20 प्रमुख वादे शामिल हैं। भाजपा ने इस चुनाव में महिलाओं के स्वामित्व वाली संपत्तियों पर संपत्ति कर में 25 फीसदी की छूट, बाजारों में महिलाओं के लिए 'गुलाबी शौचालय' का विस्तार, स्कूल एवं कॉलेज में मुफ्त वाई-फाई की सुविधा, स्कूल और कॉलेज में छात्राओं को मुफ्त सैनिटरी पैड उपलब्ध कराने समेत कई वादे किए है।

इसी तरह कांग्रेस ने सार्वजनिक सेवाओं को हर घर तक पहुंचाने, सार्वजनिक स्थानों पर मुफ्त वाई-फाई, स्कूल और कॉलेजों के पास सीसीटीवी कैमरे लगाना, स्कूल और कॉलेजों में छात्राओं को मुफ्त सैनिटरी पैड उपलब्ध कराने और नगर निगमों के संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया है।

इससे पहले 2019-2020 में हुए निकाय चुनावों में, राज्य में तत्कालीन सत्तारूढ़ कांग्रेस ने इन सभी 10 नगर निगमों में महापौर पदों पर कब्जा कर लिया था। पिछली बार, महापौर पदों के लिए चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से हुआ था, जिसमें जनता ने पार्षदों को चुना था और फिर चुने हुए पार्षदों ने अपने बीच से नगर निगमों के महापौर और अन्य नगरीय निकायों के अध्यक्षों का चुनाव किया था। यह अप्रत्यक्ष विधि प्रणाली 2019 में तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार द्वारा शुरू की गई थी।

हालांकि, इस बार साय सरकार ने प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली को फिर से बहाल कर दिया है, जिसके अनुसार लोग नगर निकायों के महापौर और अध्यक्षों के चुनाव के लिए सीधे मतदान करेंगे।

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Published By : Priyanka Yadav

पब्लिश्ड 10 February 2025 at 23:09 IST