अपडेटेड 19 December 2025 at 11:31 IST

Chhattisgarh: कांकेर हिंसा में ASP समेत 20 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल, शव दफनाने को लेकर हुआ था विवाद; धारा 144 लागू

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के बड़ेतेवड़ा गांव में एक शव के दफन को लेकर दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हो गई। हिंसा में ASP समेत 20 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए। इलाके में धारा 144 लागू है।

Follow : Google News Icon  
Kanker violence
Kanker violence | Image: ANI

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले मे बडेतेवाड़ा गांव में भड़की हिंसा के बाद धारा-144 लगा दी गई है। गांव में अतिरिक्त पुलिसबल की तैनाती की गई है। हिंसा में ASP समेत 20 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हैं। गुरुवार को एक शव के दफन को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि यह हिंसक झड़प में बदल गया। हिंसा में दोनों समुदायों के लोग घायल हुए है।

कांकेर जिले के आमाबेड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत बड़ेतेवड़ा गांव में एक शव के दफन को लेकर दो समुदायों के बीच चला विवाद गुरुवार को हिंसक झड़प में बदल गया। विवाद के बाद दूसरे समुदाय के लोगों ने एक चर्च में आग लगा दी और तोड़फोड़ की। पत्थरबाजी और मारपीट में कई ग्रामीणों के साथ-साथ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) सहित 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए।

शव के दफन को लेकर दो समुदाय भीड़े

IG बस्तर पी सुंदरराज ने बताया कि गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर धारा 144 लागू कर दी गई है। गुरुवार, 18 दिसंबर को  गांव वालों ने 70 साल के चमरा राम सलाम की मौत के हालात और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पर शक जाहिर किया था और शव को कब्र से निकालने की मांग कर रहे हैं।

IG बस्तर ने बताया क्यों भड़की हिंसा

पी सुंदरराज ने आगे कहा, चमरा राम सलाम की मौत 16 दिसंबर को हुई थी। उनके बेटे और परिवार के दूसरे सदस्यों ने गांव में अपनी जमीन पर उनका अंतिम संस्कार किया। कुछ गांव वालों ने चमरा राम सलाम की मौत के हालात और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पर शक जाहिर किया और शव को कब्र से निकालने की मांग कर रहे हैं।

Advertisement

गांव वालों का मृतक के बेटे पर आरोप

गांव वाले यह भी आरोप लगा रहे हैं कि अंतिम संस्कार स्थानीय आदिवासी रीति-रिवाजों के हिसाब से नहीं किया गया। गांव वालों की शिकायत के आधार पर, एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट ने कानूनी प्रावधानों के तहत शव को कब्र से निकालने का आदेश दिया है। जांच और पोस्टमार्टम किया जाएगा, जिसके बाद जरूरी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।"

दरअसल, विवाद तब शुरू हुआ जब गांव के मुखिया राजमन सलाम के पिता चमरा राम की मौत के बाद उनके शव को गांव में दफनाया गया। मुखिया के परिवार ने दूसरा धर्म अपना लिया था, जिससे गांव वाले नाराज थे। गांव वाले चाहते थे कि उनका अंतिम संस्कार आदिवासी रीति-रिवाजों के हिसाब से किया जाए। इसे लेकर ईसाइ और आदिवासी समुदाय के आपस में भीड़ गए।

Advertisement

यह भी पढ़ें: गोवा, ओडिशा के बाद अब ठाणे के ब्लू रूफ क्लब में लगी भीषण आग

Published By : Rupam Kumari

पब्लिश्ड 19 December 2025 at 11:31 IST