अपडेटेड 25 August 2023 at 13:47 IST
UP के छोटे शहरों के वो होनहार वैज्ञानिक, जिन्होंने Chandrayaan 3 की सफलता में दिखाया दम
चंद्रयान 3 मिशन को सफल बनाने में यूपी के वैज्ञानिकों का बड़ा रोल रहा। इसमें अलग अलग शहरों से होनहार वैज्ञानिकों ने अहम भूमिका निभाई।
- भारत
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चंद्रयान 3 के मिशन होते ही भारत और इसरो का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है। हर कोई भारत का मुरीद हो गया। भारत की इस कामयाबी के पीछे वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत शामिल रही। मिशन को सफल बनाने के लिए देश के कोने-कोने से वैज्ञानिकों ने अपना योगदान दिया। इसमें उत्तर प्रदेश के कई वैज्ञानिकों भी शामिल रहे।
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- चंद्रयान की सफलता के पीछे वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत
- कोने-कोने से वैज्ञानिकों ने निभाई भूमिका
- यूपी के छोटे शहरों का भी रहा अहम योगदान
यूपी के अलग अलग शहरों से होनहार वैज्ञानिकों ने चंद्रयान 3 मिशन को सफल बनाने में अपनी भूमिका निभाई। यूपी के मुरादाबाद, अलीगढ़ से लेकर बदायूं जैसे छोटे शहरों से निकले वैज्ञानिकों ने भारत की सफलता में बड़ा योगदान दिया। किसी ने चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग तो किसी ने लैंडिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मिर्जापुर के आलोक पांडेय
चंद्रयान 3 की लैंडिंग में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिर्जापुर के वैज्ञानिक आलोक पांडेय के कंधों पर थीं। आलोक ने अपने साथियों के साथ मिलकर चंद्रयान की लैंडिग और कंट्रोलिंग की जिम्मेदारी संभाली। आपको बता दें कि आलोक के कार्य को देखते हुए उन्हें उत्कृष्ट वैज्ञानिक पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
बदायूं के सत्यपाल का योगदान
इसरो में वरिष्ठ वैज्ञानिक के पद पर काम करने वाले सत्यपाल अरोड़ा ने चंद्रयान-3 के लॉन्च व्हीकल के दूसरे चरण लिक्विड प्रोपल्सन के इंचार्ज की भूमिका निभाई। वह बदायूं के उझानी के रहने वाले हैं। सत्यपाल की टीम में 60 लोग शामिल थे, जिन्होंने चंद्रयान मिशन के दूसरे चरण में लिक्विड प्रोपल्सन की टेस्टिंग और एनालिसिस का काम किया।
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प्रतापगढ़ के वैज्ञानिक ने बनाए खास उपकरण
प्रतापगढ़ के वैज्ञानिक का भी चंद्रयान 3 मिशन में अहम रोल रहा। रवि केसरवानी नाम के साइंटिस्ट ने चंद्रयान-3 ने शेप (स्पेक्ट्रो पोलरोमेट्री ऑफ हैबिटेबल प्लेनेटरी अर्थ) नाम का एक विशेष उपकरण बनाया, जोकि चांद पर धरती से भेजे गए सिग्नल का अध्ययन करने का काम करेगा। बता दें कि प्रतापगढ़ के रवि 2016 में इसरो से जुड़े हुए हैं। 2019 में उनकी नियुक्ति साइंटिफिक टेक्निकल अफसर-सी के पद पर हुई।
मिर्जापुर में वैज्ञानिक दंपती का कमाल
मुरादाबाद के तीन वैज्ञानिकों ने चंद्रयान 3 मिशन को सफल बनाने में अपना अपना योगदान दिया। इसमें एक वैज्ञानिक दंपती भी शामिल रहे। मुरादाबाद के कांशीरामनगर के रहने वाले मेघ भटनागर और उनकी पत्नी गौतमी मिशन में ऑन बोर्ड सॉफ्टवेयर साइंटिस्ट के तौर पर जुड़े थे। इससे पहले मेघ भटनागर ने चंद्रयान-2 में भी अपनी भूमिका निभाई थी। मुरादाबाद की वैज्ञानिक दंपती के अलावा खुशहाल नगर के रहने वाले वैज्ञानिक रजत प्रताप सिंह ने भी चंद्रयान 3 मिशन से जुड़े थे।
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यूपी के कई और वैज्ञानिक ने दिया योगदान
इसमें 'रॉकेट वुमन' नाम से मशहूर अंतरिक्ष वैज्ञानिक ऋतु करिधाल श्रीवास्तव का भी रोल रहा। लखनऊ की ऋतु चंद्रयान मिशन-3 की डायरेक्टर हैं। वहीं, फिरोजाबाद के टीकरी गांव के धर्मेंद्र प्रताप यादव चंद्रयान-3 की लांचिंग टीम के सदस्य हैं। इटावा के साइंटिस्ट अंकुर गुप्ता ने चंद्रयान 3 के कॉम्पोनेंट की बनावट और वजन के डिजाइन में अहम भूमिका निभाई।
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 25 August 2023 at 13:46 IST