Published 23:05 IST, October 1st 2024
चंद्रयान-3 चंद्रमा के एक सबसे पुराने विशाल गड्ढे में उतरा
विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के साथ चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास पर्वतीय क्षेत्र में उतरा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा है कि ‘चंद्रयान-3’ चंद्रमा पर एक विशाल गड्ढे में उतरा, जो करीब 160 किलोमीटर आकार का और लगभग 4.4 किमी गहरा है तथा दक्षिणी ध्रुव एटकिन (एसपीए) बेसिन से भी संभवत: पुराना है।
भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला और इसरो के वैज्ञानिकों के अनुसार, चंद्रयान-3 प्रज्ञान रोवर के नेविगेशन (दिशा सूचक) कैमरों और चंद्रयान-2 ऑर्बिटर के ‘ऑप्टिकल हाई रिजोल्यूशन’ कैमरे से ली गईं तस्वीरों के विश्लेषण के आधार पर यह खुलासा हुआ है।
उनका यह अध्ययन 'इकारस' पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
इसरो के एक बयान में कहा गया है कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के साथ चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास पर्वतीय क्षेत्र में उतरा।
अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, ‘‘यह विशाल गड्ढा चंद्रमा पर सबसे पुराने खड्ड में से एक है, और चंद्रयान-3 विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर उसमें उतरे और गतिविधियां कीं।’
Updated 23:05 IST, October 1st 2024