अपडेटेड 19 February 2024 at 15:49 IST

चंडीगढ़ में 'महाखेल'!देर रात मेयर का इस्तीफा, AAP के 3 पार्षदों ने बदला पाला; अब नंबर गेम की बारी

चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर आज शीर्ष अदालत में सुनवाई है। इससे मात्र पहले ही कुछ ऐसा हो गया है जो महाखेल की ओर इशारा कर रहा है!

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Three Aam Aadmi Party (AAP) councillors late Sunday evening joined the Bharatiya Janata Party in Chandigarh.
आम आदमी पार्टी पार्षदों ने थामा भाजपा का दामन | Image: Republic Digital

Chandigarh Mayor Election 2024:  चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले जोर का झटका लगा है। 'आप' के तीन पार्षदों ने बीजेपी का दामन थाम लिया है।

एससी में सुनवाई से पहले का दिन हैपनिंग रहा। सियासी बिसात पर ऐसी चाल चली गई कि सब अवाक रह गए। मनोज सोनकर ने चंडीगढ़ के महापौर पद से इस्तीफा दिया फिर खबर आई कि जिस 'आप' ने कोर्ट के दरवाजे पर दस्तक दी है उसी के 3 पार्षद ने उसका साथ छोड़ दिया था।

'आप' के 3 कौन?

इस्तीफा देने वाले तीन के नाम पूनम देवी, नेहा मुसावत और गुरचरण काला है।  तीनों पार्षद दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गए।

समझें नंबर गेम?

इस्तीफे और भाजपा की सदस्यता लेने के बाद समीकरण बदल चुका है। 35 सदस्यीय सदन में बीजेपी के पार्षदों की संख्या 18 हो गई है और मेयर बनाने के लिए पार्टी को इतने ही वोट चाहिए। इस तरह अब अगर दोबारा चुनाव होते हैं तो बीजेपी के लिए राह आसान होगी।

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सोनकर का इस्तीफा

इस बीच भाजपा, चंडीगढ़ इकाई प्रमुख जतिंदर पाल मल्होत्रा ने जानकारी दी कि सोनकर ने निगम आयुक्त को अपना इस्तीफा सौंप दिया।  इसके बाद मल्होत्रा ने कहा कि कांग्रेस और आप के बीच कोई गठबंधन नहीं है और दोनों जनता को बेवकूफ बना रहे हैं। दाना किया कि 'उन्हें जनता के सामने बेनकाब किया जाएगा।

चंडीगढ़ मेयर चुनाव

चंडीगढ़ में महापौर पद के लिए हुए चुनाव हुए। 30 जनवरी को बीजेपी ने जीत हासिल की थी। जिससे आप और कांग्रेस के गठबंधन को झटका लगा था तथा उसने निर्वाचन अधिकारी पर मत पत्रों में छेड़छाड़ का आरोप लगाया और मामला कोर्ट तक पहुंचा।

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हार जीत और कोर्ट की फटकार

सोनकर ने महापौर पद के लिए हुए चुनाव में ‘आप’ के कुलदीप कुमार को मात दी थी। सोनकर को 16,  कुमार को 12 वोट मिले और आठ वोट अवैध घोषित किए गए थे। इसके बाद कुमार ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने 5 फरवरी को महापौर चुनाव कराने वाले निर्वाचन अधिकारी को फटकार लगाई। अदालत ने यह भी कहा था कि अधिकारी का तरीका लोकतंत्र के मजाक समान है। अदालत ने मत पत्रों और मतदान की कार्यवाही के वीडियो को सुरक्षित रखने का भी आदेश दिया था।

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Published By : Kiran Rai

पब्लिश्ड 19 February 2024 at 08:23 IST