Published 19:25 IST, September 11th 2024
सरकार का बड़ा फैसला, खालिस्तान समर्थक सिख फॉर जस्टिस संगठन पर लगा बैन 5 साल के लिए बढ़ाया
Sikh for Justice: सरकार ने खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथी समूह 'सिख फॉर जस्टिस' पर लगी पाबंदी को 5 साल के लिए बढ़ा दिया है।
Ban on SFJ: केंद्र सरकार ने बुधवार को खालिस्तान समर्थकों के पर कुतरने के लिए बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथी समूह सिख फॉर जस्टिस (SFJ) पर लगी पाबंदी को 5 साल के लिए बढ़ा दिया है। इससे पहले केंद्र सरकार ने सिख फॉर जस्टिस के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जुलाई, 2019 में प्रतिबंध लगाया था, जिसके बाद इसे 5 साल के लिए बढ़ाया गया है।
सिख फॉर जस्टिस के खिलाफ यह कार्रवाई UAPA के तहत की गई है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) लगातार सिख फॉर जस्टिस, खालिस्तानी आतंकवादी और अमेरिकी नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। सिख फॉर जस्टिस और गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ NIA ने आधा दर्जन से अधिक केस दर्ज किए हुए हैं। पिछले साल NIA ने कार्रवाई करते हुए पंजाब और चंडीगढ़ में संपत्तियों को भी कब्जे में लिया था।
क्या सिख फॉर जस्टिस संगठन?
सिख फॉर जस्टिस संगठन खालिस्तानी चरमपंथी गुरवंत सिंह पन्नू का ही बनाया हुआ है। इसका गठन साल 2007 में किया गया था। यह एक अलगाववादी समुह है, इसका मकसद सिखों के लिए अलग देश की मांग और खालिस्तान की स्थापना है। खास बात ये है कि सिख फॉर जस्टिस संगठन सिर्फ भारत के पंजाब को अलग कर खालिस्तान बनाने की बात करता है, उसने पाकिस्तान के पंजाब पर कभी बात नहीं की। सरकार ने इस संगठन को देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा माना है।
आतंकवादी घोषित है गुरपतवंत सिंह पन्नू
कट्टरपंथी खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस का काम पंजाब में अलगाववाद को बढ़ावा देना है। गृह मंत्रालय ने गुरपतवंत सिंह पन्नू को आतंकवादी घोषित कर रखा है। उसपर भारत के खिलाफ अलगाववाद का अभियान चलाने और सिखों को आतंकवाद के लिए उकसाने का आरोप है। सिख फॉर जस्टिस ने पंजाब को भारत से अलग करने के लिए 2018 में एक जनमत संग्रह की बात करते हुए दुनियाभर के सिखों से शामिल होने की अपील थी।
Updated 20:05 IST, September 11th 2024