अपडेटेड 11 November 2025 at 09:16 IST
दिल्ली की इस बड़ी मस्जिद के पास 3 घंटे खड़ी थी धमाके वाली कार, फरीदाबाद का डॉक्टर उमर था सुसाइड बॉम्बर, तो क्या पुलवामा से है कनेक्शन?
दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास नेताजी सुभाष चंद्र बोस मार्ग पर 10 नवंबर की शाम एक हुंडई i20 कार में जोरदार विस्फोट हुआ। शाम 6:52 बजे हुआ यह धमाका इतना भीषण था कि आसपास खड़ी कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं।
- भारत
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दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास नेताजी सुभाष चंद्र बोस मार्ग पर 10 नवंबर की शाम एक हुंडई i20 कार में जोरदार विस्फोट हुआ। शाम 6:52 बजे हुआ यह धमाका इतना भीषण था कि आसपास खड़ी कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं, लाल किला मेट्रो स्टेशन के शीशे टूट गए और 9 लोगों की मौत हो गई जबकि बीस अन्य घायल हैं।
दिल्ली पुलिस की जांच में पता चला कि धमाके वाली i20 कार घटना से पहले सुनहरी मस्जिद के पास की पार्किंग में करीब तीन घंटे तक खड़ी थी। यह कार दोपहर 3:19 बजे पार्किंग में आई थी और शाम 6:48 बजे बाहर निकली। पार्किंग से बाहर निकलने के सिर्फ चार मिनट बाद ही उसमें विस्फोट हुआ। पुलिस ने ब्लास्ट से ठीक पहले की तस्वीर भी जारी की है, जिसमें कार मस्जिद के पास सड़क पर दिखाई दे रही है।
कार हरियाणा के गुरुग्राम नॉर्थ आरटीओ में रजिस्टर्ड थी। नंबर HR 26 7624 था और यह मोहम्मद सलमान नामक व्यक्ति के नाम पर थी। पुलिस ने सलमान को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। जांच में खुलासा हुआ कि सलमान ने यह कार जम्मू-कश्मीर के तारिक नामक व्यक्ति को बेची थी, जिससे संभावित पुलवामा लिंक की जांच जारी है।
फर्जी दस्तावेजों से हुई थी खरीद-बिक्री
जांच एजेंसियों के अनुसार यह i20 कार कई बार खरीदी और बेची गई थी। फर्जी कागजातों का इस्तेमाल कर इसकी बिक्री की गई थी। गौर करने वाली बात यह है कि इस कार पर 15 सितंबर को फरीदाबाद में गलत पार्किंग का चालान भी हुआ था, जिससे एजेंसियों को यह शक हुआ कि इसे दिल्ली लाने की योजना पहले से बनाई जा रही थी।
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फरीदाबाद में पकड़ा गया टेरर मॉड्यूल
घटना से एक दिन पहले, 9 नवंबर की रात, फरीदाबाद और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया। इस दौरान करीब 2,900 किलो आईईडी बनाने वाला सामान, हथियार और गोला-बारूद जब्त किया गया। यह मॉड्यूल जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसर गजवात-उल-हिंद (AGuH) से जुड़ा बताया गया।
गिरफ्तार आतंकी और डॉक्टरों की भूमिका
पुलिस ने कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें दो डॉक्टर—डॉ. मुअजमिल अहमद गनई (फरीदाबाद) और डॉ. आदिल (कुलगाम) शामिल थे। अन्य आरोपियों में आरिफ निसार डार उर्फ साहिल, यासिर-उल-अशरफ, मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद, मौलवी इरफान अहमद और जमीर अहमद अहांगर शामिल हैं।
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फरीदाबाद स्थित डॉ. मुअजमिल के घर से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट, एके-56 राइफलें, पिस्तौलें और सैकड़ों कारतूस बरामद हुए। एजेंसियों का मानना है कि ये सभी व्हाइट कॉलर टेरर नेटवर्क का हिस्सा थे—ऐसे शिक्षित पेशेवर जो तकनीकी और आर्थिक रूप से आतंकवाद को समर्थन प्रदान कर रहे थे।
जांच अब किस दिशा में है
दिल्ली ब्लास्ट और फरीदाबाद टेरर बरामदगी के बीच की समानताएँ सुरक्षा एजेंसियों को एक बड़े आतंकी षड्यंत्र की ओर इशारा कर रही हैं। दोनों घटनाओं में जैश-ए-मोहम्मद कनेक्शन, अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल, और जम्मू-कश्मीर से जुड़े नाम मिलने से राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने जांच को मल्टी-एजेंसी स्तर पर तेज कर दिया है।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 11 November 2025 at 09:16 IST