अपडेटेड 18 July 2024 at 23:44 IST

पैतृक आवास पहुंचा शहीद कैप्टन बृजेश थापा का पार्थिव शरीर, दी गई श्रद्धांजलि

कैप्टन बृजेश थापा की उम्र 26 साल थी। 2019 में वह ट्रेनिंग पूरी करने के बाद सेना में शामिल हुए थे। उनकी तीन पीढ़ियां सेना में अपनी सेवाएं दे चुकी हैं।

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शहीद कैप्टन बृजेश थापा का शव पहुंचा पैतृक आवास | Image: ANI

West Bengal News: जम्मू-कश्मीर के डोडा में बीते दिनों देश को फिर एक बार गहरा जख्म मिला। यहां एक एनकाउंटर के दौरान आतंकवादियों से लड़ते-लड़ते चार जवानों शहीद हो गए, जिसमें एक अधिकारी भी शामिल थे। डोडा में जिन 4 जवानों ने शहादत दी, उनमें से एक दार्जिलिंग के सपूत कैप्टन बृजेश थापा (Brijesh Thapa) भी शामिल थे। 

देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले कैप्टन बृजेश थापा का पार्थिव शरीर आज (18 जुलाई) को पैतृक आवास  लेबोंग पहुंचा। यहां नम आंखों के साथ लोग उन्हें श्रद्धांजलि देते नजर आए। 

कैप्टन थापा कर रहे थे टीम का नेतृत्व

जान लें कि कैप्टन थापा उस टीम का नेतृत्व कर रहे थे, जिसने आतंकवादियों से लोहा लिया। उनके शहीद होने की खबर आते ही माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है, लेकिन इसके साथ ही देश के जान देने पर उन्हें अपने बेटे पर गर्व भी है। 

जम्मू-कश्मीर के डोडा में सोमवार (15 जुलाई) को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थीं। सेना को सूचना मिली की आतंकवादी जंगली इलाके में छिपे हैं। इसके बाद कैप्टन थापा की अगुवाई में ही एक टीम वहां पहुंची, जहां मुठभेड़ शुरू हुई। मंगलवार तक ये मुठभेड़ चलती रही, जिसमें देश के 4 जवान शहीद हुए। आतंकी अंधेरे के फायदा उठाते हुए पहाड़ी इलाके से भागने में कामयाब रहे। 

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इससे पहले कैप्टन बृजेश थापा का पार्थिव शरीर बुधवार (17 जुलाई) को हवाई मार्ग से पश्चिम बंगाल के बागडोगरा में लाया गया था। इस दौरान दार्जिलिंग के सांसद राजू बिस्ता, पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और अन्य लोगों ने सिलीगुड़ी के पास बेंगडुबी सैन्य अड्डे पर अधिकारी के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित किया। 

'शहीदों का खून व्यर्थ नहीं जाएगा'

सांसद राजू बिस्ता ने थापा के ताबूत पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद कहा, “हमारा राष्ट्र अपने सैनिकों की शहादत पर शोक मना रहा है, साथ ही हम अपने वीर नायकों की साहसिक गाथा पर भी गर्व करते हैं, जिन्होंने हमारी मातृभूमि के सम्मान और गौरव के लिए आतंकवादियों के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी।” उन्होंने कहा कि कैप्टन थापा समेत शहीदों का खून व्यर्थ नहीं जाएगा।

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माता-पिता ने क्या कहा? 

कैप्टन बृजेश थापा की उम्र 26 साल थी। 2019 में वह ट्रेनिंग पूरी करने के बाद सेना में शामिल हुए थे। जान लें कि कैप्टन थापा की तीनी पढ़ियां सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इनके पिता भुवनेश थापा कर्नल रह चुके हैं। कैप्टन बृजेश थापा के पिता भुवनेश थापा बताते हैं कि बेटे बृजेश का बचपन से ही सेना में जाने का सपना था। मेरी वर्दी पहनकर वह इधर-उधर घूमता था। मैंने उसे नेवी में चला जाने को कहा था, क्योंकि आर्मी का काम बेहद ही कठिन है। उसने मन बना लिया था कि उसे आर्मी में ही जाना था। उसने बीटेक कर रखी थी इसके बाद भी सेना को ही चुना।

वहीं शहीद कैप्टन बृजेश थापा की मां नीलिमा कहती हैं कि उन्हें अपने बेटे के जाने का बहुत दुख है, लेकिन साथ ही इस बात का गर्व है कि वह देश के लिए शहीद हुआ। उन्होंने कहा कि किसी न किसी को तो बॉर्डर पर जाना पड़ेगा न। अगर कोई नहीं जाएगा तो हम सुरक्षित कैसे रहेंगे? उसका ये खुद का सपना था कि वह सेना में जाकर अपने पिता की तरह नाम रोशन करें।

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Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 18 July 2024 at 18:53 IST