अपडेटेड 10 January 2025 at 00:18 IST
इस्तीफे के ऐलान के साथ ही ट्रूडो के बुरे दिन, खालिस्तानी निज्जर की हत्या मामले में 4 भारतीयों को कोर्ट ने किया बरी
जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के ऐलान के साथ ही उनके बुरे दिन शुरू हो गए। दरअसल, खालिस्तानी निज्जर हत्याकांड मामला में गिरफ्तार 4 भारतीयों को कोर्ट ने बरी कर दिया।
- भारत
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कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के ऐलान के साथ ही उनके बुरे दिन शुरू हो गए हैं। दरअसल, खालिस्तानी निज्जर हत्याकांड मामला में कनाडा में गिरफ्तार 4 भारतीयों को कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है।
खालिस्तानी निज्जर की हत्या के आरोप में कनाडा में 04 भारतीय गिरफ्तार किए गए। उनको वहां कोर्ट ने कोई सबूत नहीं होने के आधार बेल दे दी है। ट्रूडो तो इस्तीफा दे चुके हैं, अब वहां की सरकार को बताना पड़ेगा बिना सबूत के कैस आप दूसरे देश पर आरोप लगा रहे हैं? उनके पास शुरू से सबूत नहीं थे, वो सिर्फ आरोपों की बात करते थे। इसके चलते ट्रूडो ने भारत के साथ संबंध खराब कर लिए। कोर्ट ने भी कहा सबूत हो तो दीजिए, लेकिन वहां की सरकार कोई सबूत पेश नहीं कर पाई।
वर्तमान एसजीपीसी सदस्य कानूनी विंग का बयान
वर्तमान एसजीपीसी सदस्य कानूनी विंग और पूर्व महासचिव एसजीपीसी भगवंत सिंह सियालका ने इस मामले को लेकर कहा, “निज्जर का परिवार और सब इसको चंगा नहीं मान रहे हैं। ट्रूडो की जो वर्किंग है, उन्होंने इस केस को बड़े अच्छे तरीके से हल किया।”
उन्होंने कहा कि उनकी रहनुमाई नहीं होती तो पता नहीं चलता क्या हुआ, कैसे हुआ। इसमें क्योंकि भारत सरकार के लोग भी शामिल हैं। बेल कैंसिल होनी चाहिए और निष्पक्ष ट्रायल इसका चलना चाहिए। इसके लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन की तरफ से होगा, वो करेंगे। उनकी जमानत किसी भी हालत में नहीं होनी चाहिए। उन्होंने निज्जर का मर्डर किया है, जो भी सजा बनती है, वो इनको मिलनी चाहिए।
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भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त बुलाए
भारत सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए कनाडा से उच्चायुक्त और अन्य लक्षित राजनयिकों और अधिकारियों को वापस बुलाने का फैसला किया। विदेश मंत्रालय के बयान में कहा कि उग्रवाद और हिंसा के माहौल में, ट्रूडो सरकार के कार्यों ने उनकी सुरक्षा को खतरे में डाल दिया। हमें उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की वर्तमान कनाडाई सरकार की प्रतिबद्धता पर कोई भरोसा नहीं है। इसलिए, भारत सरकार ने उच्चायुक्त और अन्य लक्षित राजनयिकों और अधिकारियों को वापस बुलाने का फैसला किया है।
बता दें कि विदेश मंत्रालय ने ये फैसला दिल्ली में कनाडाई उच्चायुक्त को तलब करने के बाद किया है। खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निज्जर मामले में भारत और कनाडा के बीच रिश्ते बिगड़ते जा रहे हैं। ट्रूडो सरकार ने ओटावा में भारतीय उच्चायुक्त को खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की कथित हत्या की जांच से जोड़ा।
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Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 10 January 2025 at 00:13 IST