अपडेटेड 27 January 2024 at 17:54 IST
भारत को बनाना है दुनिया का बड़ा सेमीकंडक्टर हब, 2024 बजट में उभरते उद्योग को बड़ा बूस्ट देगी सरकार?
Semiconductor: सरकार सेमीकंडरक्टर के मोर्चे पर देश को मजबूत बनाने की तैयारी में जुटी हुई है। केंद्र सरकार की कोशिश भारत को सेमीकंडक्टर का हब बनाने की है।
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Budget 2024: एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करने को तैयार हैं। इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले यह सरकार का अंतरिम बजट होगा। बजट से हर वर्ग को किसी न किसी तरह की उम्मीद होती ही है। सभी यह जानने के लिए उत्सुक रहते हैं कि वित्त मंत्री जब अपना पिटारा खोलेंगी, तो इसमें उनके लिए क्या खास होगा? इस बार भी लोग बजट से काफी उम्मीद लगाए बैठे हैं।
बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ये स्पष्ट कर चुकी हैं कि सरकार का फिलहाल फोकस दो चीजों पर है। केंद्र ने अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए एग्रीकल्चर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर ध्यान देने की योजना बनाई है।
सरकार की प्राथमिकताएं
वित्त मंत्री दिल्ली में एक कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित कर रही थीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकताओं में कई चीजें शामिल हैं। एग्रीकल्चरल इकोसिस्टम के साथ-साथ रिन्यूएबल एनर्जी, सेमीकंडक्टर, मटेरियल साइंस, स्पेस और अर्थ साइंस जैसी उभरती हुईं इंडस्ट्रीज में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना शीर्ष प्राथमिकताएं में है।
उभरते सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा दे सकती है सरकार
गौरतलब है कि सरकार सेमीकंडरक्टर के मोर्चे पर देश को मजबूत बनाने की तैयारी में जुटी हुई है। केंद्र सरकार की कोशिश भारत को सेमीकंडक्टर का हब बनाने की है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि सरकार उभरते हुए सेमीकंडक्टर उद्योग को बूस्ट देने के लिए कोई बड़ा ऐलान बजट में कर सकती है।
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भारत बनेगा सेमीकंडक्टर का हब
सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी की रीढ़ हैं, जिसका उपयोग हमारे स्मार्टफोन से लेकर कंप्यूटर, कारों में किया जाता है। दुनियाभर में सेमीकंडक्टर की भारी डिमांड है। अभी के समय में देखा जाए तो कुछ देश ज्यादातर सेमीकंडक्टर बाजार को नियंत्रित करते हैं, जैसे ताइवान, चीन, अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान जैसे देश शामिल हैं। सेमीकंडक्टर उद्योग भारत की एक ऐसी कड़ी है, जो अपने साथ रोजगार और अर्थव्यवस्था को कई गुना बढ़ाने की ताकत रखता है।
सेमीकंडक्टर के प्रोडेक्शन को बढ़ावा देने के लिए भारत में कई पहल शुरू की गई हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना की भी शुरुआत की गई। इसके जरिए वह कंपनियां जो सेमीकंडक्टर विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करेगी, उन्हें प्रोत्साहन पैकेज प्रदान किया जाएगा।
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टाटा ग्रुप ने सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। टाटा की ओर से ऐलान किया गया है कि समूह गुजरात के धोलेरा में एक सेमीकंडक्टर कारखाने का निर्माण करेगा।
इसके अलावा सेमीकंडक्टर के लिए कई विदेशी कंपनियां भी भारत में निवेश कर रही हैं। पिछले साल जून महीने में जब पीएम मोदी अमेरिकी की यात्रा पर गए थे, तो उन्होंने अमेरिकी सेमीकंडक्टर कंपनी माइक्रोन के साथ भारत में निवेश का समझौता किया था। इसके बाद पिछले कुछ महीनों के अंदर माइक्रोन के साथ काम करने वाली कई कंपनियां भारत में निवेश की तैयारी कर रही हैं। बता दें कि उम्मीद जताई जा रही है कि भारतीय सेमीकंडक्टर उद्योग साल 2026 तक $55 बिलियन हो जाएगा।
Published By : Sujeet Kumar
पब्लिश्ड 27 January 2024 at 17:42 IST