Published 17:09 IST, November 30th 2024
BREAKING: संजौली मस्जिद मामले में मुस्लिम संगठनों को झटका, मस्जिद की 3 मंजिल तोड़ने का आदेश बरकरार
संजौली मस्जिद मामले में अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश की अदालत ने मुस्लिम संगठनों की याचिका खारिज करते हुए नगर निगम आयुक्त कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है।
BREAKING: हिमाचल प्रदेश के शिमला में स्थित संजौली मस्जिद मालले में मुस्लिम संगठनों को बड़ा झटका लगा है। संजौली मस्जिद मामले में अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश की अदालत ने मुस्लिम संगठनों की याचिका खारिज करते हुए नगर निगम आयुक्त कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है।
मुस्लिम संगठनों की ओर से कोर्ट में पेश वकील ने बताया कि कोर्ट ने हमारी एप्लीकेशन खारिज कर दी है। मस्जिद की तीन मंजिल को तोड़ने के आदेश के बरकरार रखा है। उन्होंने कहा कि हमारा तर्क था मस्जिद कमेटी की ओर से जो लोग कोर्ट में पेश हुए हैं उन्हें पेश होने का अधिकार नहीं था।
हिंदू पक्ष के वकील ने क्या कहा?
वहीं हिंदू पक्ष के वकील ने बताया कि कोर्ट ने एक महीने के अंदर अपील पर फैसला सुना दिया है, हम इसका स्वागत करते हैं। 5 अक्टूबर के नगर निगम आयुक्त कोर्ट के फैसले को कोर्ट ने बरकरार रखा है। कोर्ट का ये फैसला काबिल-ए-तारीफ है। 3 फ्लोर को तोड़ने का जो आदेश है उसकी टाइम लिमिट 14 दिसंबर को खत्म हो रही है। हाईकोर्ट ने इस केस का टाइम बाउंड कर रखा है जो 20 दिसंबर को खत्म हो जाएगा।
क्या है पूरा मामला?
शिमला में संजौली मस्जिद के विवाद की शुरुआत 31 अगस्त को एक झगड़े के बाद हुई थी। मस्जिद क्षेत्र से तकरीबन 8 किलोमीटर दूर मलयाना गांव में हुए झगड़े का आरोपी कथित तौर पर मस्जिद में शरण ले रहा था। बाहरी होने के आरोपों के साथ आरोपी गुलनवाज के संजौली मस्जिद में शरण लेने के बाद ये चर्चा में आई। लोगों का गुस्सा मस्जिद को लेकर भड़कने लगा था।
मामले ने तब तक और पकड़ा जब हिमाचल प्रदेश विधानसभा के भीतर मुद्दा उठा। कांग्रेस शासित राज्य हिमाचल में कांग्रेस के ही एक विधायक ने संजौली मस्जिद को लेकर सवाल उठा दिए थे। बाद में खूब हंगामा हुआ और संजौली शहर में भी जबरदस्त प्रदर्शन हुए। मस्जिद में अवैध निर्माण के आरोप भी लगने लगे थे। मामला बढ़ते बढ़ते कोर्ट तक पहुंचा, जिसके बाद मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने का आदेश दिया गया।
Updated 18:10 IST, November 30th 2024