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अपडेटेड 28 July 2024 at 12:34 IST

बेसमेंट में थी स्टोरेज की परमिशन चल रहा था लाइब्रेरी,राव IAS कोचिंग सेंटर का मालिक-कॉर्डिनेटर अरेस्ट

Rajendra Nagar Accident: राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर हादसा मामले में दिल्ली पुलिस ने मालिक और कॉर्डिनेटर को अरेस्ट किया है।

Reported by: Kanak Kumari Jha
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Delhi Rau IAS coaching centre accident Owner and coordinator arrested
दिल्ली के IAS कोचिंग सेंटर हादसा मामले में मालिक और कॉर्डिनेटर अरेस्ट। | Image: Republic

Rajendra Nagar Accident: राजेंद्र नगर हादसे में दिल्ली पुलिस ने फर्स्ट इंफॉर्मेशन रिपोर्ट (FIR) दर्ज कर ली है। मामले में पुलिस ने राव कोचिंग सेंटर के मालिक और कॉर्डिनेटर समेत 2 लोगों को पुलिस ने डिटेन किया है। दिल्ली पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 105, 106(1), 152, 290 एंड 35 बीएनएस में एफआईआर दर्ज कर ली है। 

मामले में DCP सेंट्रल एम हर्षवर्धन ने कहा, "कल शाम को ओल्ड राजेंद्र नगर से एक बेसमेंट में पानी भर जाने की खबर सामने आई थी, जिसके मिलते ही सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। सर्च ऑपरेशन में दिल्ली पुलिस के अलावा एनडीआरएफ, फायर विभाग के लोग शामिल थे। सर्च ऑपरेशन खत्म होने के बाद तीन बॉडी मिली, उनकी पहचान कर परिवारजनों को सूचना दिया गया है। श्रेया यादव, अंबेदकर नगर, यूपी की रहने वाली थीं। तानिया सोनी, तेलंगाना की रहने वाली थीं। नवीन डेल्विन, केरल के रहनमे वाले थे। FIR राजेंद्र नगर में 105, 106(1), 152, 290 एंड 35 बीएनएस में दर्ज किया गया है। ये एफआईआर कोचिंग सेंटर, बिल्डिंग के मैनेजमेंट, ड्रेनेज सिस्टम की देखभाल और ऐसे लोग जिनका रोल जांच में आएगा, उनके खिलाफ दर्ज किया गया है।"

उन्होंने कहा कि सेंटर के मालिक और कॉर्डिनेटर को अभी डिटेन किया गया है। जो भी इस घटना में दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बता दें, सेंटर के मालिक का नाम अभिषेक गुप्ता और कॉर्डिनेटर का नाम देशपाल सिंह है।

कोचिंग सेंटर का मालिक अभिषेक गुप्ता
कोचिंग सेंटर का मालिक अभिषेक गुप्ता

लाइब्रेरी बनाकर नियमों का किया गया उल्लंघन

फायर विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, 09 जुलाई 2024 को ही फायर विभाग की एनओसी राव IAS कोचिंग सेंटर को दे दी गई थी। बिल्डिंग में 2 बेसमेंट थे। एनओसी के मुताबिक बेसमेंट को स्टोरेज बनाने की इजाजत दी गयी थी। मतलब साफ है कि लाइब्रेरी बनाकर नियमों का उलंघन किया गया। नार्थ MCD ने भी जो सर्टिफिकेट दिया था, उसमें भी बेसमेंट को स्टोरेज के तौर पर इस्तमाल करने की इजाजत दी गयी थी। पार्किंग और टॉयलेट के लिए भी परमिशन दी गयी थी, लेकिन नियमों को ताख पर रख कर लाइब्रेरी बना दी गयी।

लाइब्रेरी बेसमेंट के दूसरे तल पर बनी थी

जांच में सामने आया की लाइब्रेरी बेसमेंट के निचले हिस्से में यानी बेसमेंट के दूसरे तल पर बनी हुई थी। रेस्क्यू के दौरान के वीडियो में भी साफ दिख रहा है की बेसमेंट में पानी झरने की तरह बह रहा है।

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पब्लिश्ड 28 July 2024 at 11:52 IST